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ब्लड कैंसर से पीड़ित मासूम के इलाज में रोजाना हो रहे 10 हजार रुपए खर्च, मां ने प्रशासन से लगाई मदद की गुहार

Bemetara News: 9 वर्षीय लीलिमा तिवारी कैंसर से पीड़ित होने के कारण रायपुर के निजी अस्पताल में भर्ती है। परिजनों ने बताया कि बीते करीब एक माह से बच्ची का उपचार किया जा रहा है।

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Mother appealed for government help for the treatment of the innocent

मासूम के इलाज के लिए मां ने लगाई शासन मदद की गुहार

Chhattisgarh News: बेमेतरा। शहर के प्रोफेसर कालोनी में किराये के मकान में रहने वाली ज्योति तिवारी की 9 वर्षीय पुत्री लीलिमा तिवारी ब्लड कैेसर से पीड़ित है। ज्योति तिवारी ने अपनी बच्ची के उपचार के लिए लोगों से आर्थिक मदद की अपील की है।

जानकारी हो कि 9 वर्षीय लीलिमा तिवारी कैंसर से पीड़ित होने के कारण रायपुर के निजी अस्पताल में भर्ती है। परिजनों ने बताया कि बीते करीब एक माह से बच्ची का (CG Hindi News) उपचार किया जा रहा है। परिवार की आर्थिक हालत ऐसी नहीं है कि उपचार करा सके पर जैसे-तैसे कर बच्ची के जीवन के लिए लोगों से मदद लेकर इलाज करा रहे हैं।

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बुखार आने पर जांच से कैंसर का पता चला

बच्ची की मां ज्योति तिवारी ने जानकारी दी कि बीते 6 जून को लीलिमा बीमार थी। बुखार होने पर उपचार के लिए डॉक्टर द्वारा दवा दिया गया पर इससे ठीक नहीं हो रही थी । लैब टेस्ट जांच में रिपोर्ट में लीलिमा को टाईफाईड होने की पुष्टि हुई जिसका समुचित उपचार किया गया। इसके बावजूद भी मर्ज ठीक नहीं होने और नीलिमा की कमजोरी बढ़ते देख स्थानीय डाक्टर की सलाह पर रायपुर में बच्चों के अस्पताल में भर्ती कराया गया। तब लक्षण के आधार पर जांच कराने पर कैंसर रोग का पता चला। इसमें बच्ची का ब्लड रिपोर्ट में ब्लड कैंसर का पता चला ।

बीते करीब एक माह से अधिक समय से बच्ची का उपचार कैंसर अस्पताल में किया जा रहा है। इस दौरान कीमोथैरपी, प्लेटलैट्स, ब्लड चढ़ाया जा रहा है। प्रत्येक तीन से चार दिन में उपचार के लिए लगभग 10 हजार खर्च हो रहा है। ज्योति तिवारी ने बताया कि वे कपड़ा दुकान में काम कर गुजर बसर करती है। आयुष्मान कार्ड से उपचार के लिए कुछ मदद मिल जाती है पर अन्य व्यय भी अधिक है। खर्च की स्थिति को देखते हुए अपनी मां व परिजनो से मदद लिया है। जिस तरह के हालात है नीलिमा के उपचार के लिए और रकम की जरूरत है । मां ज्योति तिवारी ने लोगों से अपनी बेटी के इलाज के लिए लोगों को आर्थिक मदद की गुहार लगाई है।

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खर्रा के स्कूल में पढ़ती है नीलिमा, किताब मंगाई

परिजनों ने बताया कि नीलिमा अपने नानी के पास ग्राम खर्रा में रहती है और वहां के शासकीय प्राथमिक स्कूल में कक्षा दूसरी में पढ़ रही है। पढ़ने की इच्छा होने के कारण नीलिमा ने अपनी मां से (Bemetara News) पुस्तक मंगाई है। जिसे समय निकाल कर पढ़ती है।

चिरायु में उपचार सूचीबद्ध नहीं

स्कूली विद्यार्थियों को होने वाले रोग के उपचार के लिए सरकारी तौर पर चिरायु योजना संचालित है। इसमें सूचीबद्ध बीमारियों में ब्लड कैंसर को शामिल नहीं किया गया है। जिला प्रभारी डॉ. कमलकांत मेश्राम ने बताया चिरायु के तहत ब्लड कैंसर को सूचीबद्ध नहीं किया गया है।

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