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देख लीजिए शिक्षा मंत्री जी, जहां परिंदों के बैठने से ढह जाए जर्जर भवन, वहां चल रहे बच्चों के स्कूल

जर्जर स्कूल भवनों को बनाने में सरकार की रुचि नहीं, ऐसे में नए शैक्षणिक सत्र में भी जुगाड़ से या पेड़ के नीचे बच्चों की पढ़ाई होगी।

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wobbly school building in Nawagarh

wobbly school building in Nawagarh

बेमेतरा/नवागढ़ . सोमवार को जब जिले के लगभग 3 हजार बच्चे स्कूल में पहला कदम रखेंगे तो उनका स्वागत तो किया जाएगा पर इस ऐतिहासिक दिन के बारे में जब वे इतिहास लिखेंगे तो पीड़ा होगी कि जर्जर भवन, भवनविहीन जुगाड़ के भवन में पढ़ाई का श्रीगणेश किया। 18 साल के नवयुवक छत्तीसगढ़ 5 वर्ष के नौनिहाल के बारे में कब सोचेगा, वक्त बताएगा पर हकीकत में तस्वीर यह नहीं है, जो हम समझ बैठे हैं।

आरटीआई बता रही सही तस्वीर

आरटीआई के तहत जिला शिक्षा अधिकारी बेमेतरा से अप्रैल में जब जिले के जर्जर स्कूल भवनों की सूची मांगी गई तो पता चला कि उनके कार्यालय में कोई रिकार्ड ही नहीं है, दामन बचाने के लिए पत्र को बेमेतरा, नवागढ़, साजा एवं बेरला बीईओ को फारवर्ड कर जानकारी देने का फरमान दे दिए। बेरला बीईओ दो माह में जानकारी नहीं दे सके। बाकी तो दिए वे विभाग की व्यवस्था उजागर कर दिए।

नवागढ़ ब्लॉक के 27 प्राथमिक शाला भवन जर्जर

नवागढ़ बीईओ के बताए अनुसार, 14 मई 2018 की स्थिति में ब्लॉक में 27 प्राथमिक शाला भवन अति जर्जर है, जहां नए भवन की तत्काल आवश्यकता है। जिन गांवों में नए स्कूल भवन की जरूरत है, उनमें संबलपुर, पिरैया, नांदघाट, मदनपुर, दौनाडीह, भैसामुड़ा, नगधा, बुंदेली, कातलबोड़, ठेंगाभाठ, करमन, बघुली, नेवसा, जुनवानीकला, बेवरा, नवागांव, दुधिया, मेढक़ी, पौंसरी, कटई, मानिकपुर, बोरतरा, मोहतरा, रनबोड़, मुरता एवं मुरकुटा शामिल हैं।

बेमेतरा ब्लॉक के 19 स्कूल भवन डिस्मेंटल के योग्य

यह भी एक विचित्र संयोग है कि बेमेतरा ब्लॉक के जिन 19 स्कूल भवनों को जर्जर व डिस्मेंटल योग्य माना गया है, वे नवागढ़ विधानसभा के ही गांव हैं, इसमें चरगंवा, सारंगपुर, बटार, कुरदा, सोनपुरी, नगपुरा, बेतर, खाम्ही, बाराडेरा, करचुवा, मरका, सिंघनपुरी, भंसुली, नरी, राउरपुर, सुखाताल एवं मुटपुरी शामिल हैं। जिले में सर्वाधिक विकास के नाम पर कालर ऊंची करने वाले साजा में हरडुवा, मोहतरा, परसबोड़, गाड़ाभाठ, महीदही, मोतेसरा, तेंदुवा, बीजा, गड़ुवा, हाटरांका, परपोड़ी, खुरुसबोड़, ढेकापुर, बोरतरा, कुटरु, तिरियाभाट, जानो, बेंदरचुवा, कुरलु, कमकावाड़ा, भटगांव, देवकर व चीजगांव जर्जर स्कूल भवन की सूची में शामिल हैं।

240 नए स्कूल भवनों की जरूरत

कांग्रेसी नेता गुरुदयाल बंजारे ने कहा कि बेमेतरा जिले में लगभग 240 नए भवनों की आवश्यकता है। प्राथमिक से हायर सेकंडरी तक की पढ़ाई प्रभावित है। बेमेतरा शिक्षा जिले में स्कूल मरम्मत के नाम पर व्यापक अनियमितता की गई है। बंजारे ने कहा कि शिक्षा विभाग के अधिकारी जिस जिम्मेदारी से साइकिल, फर्नीचर, प्रायोगिक सामग्री, कंप्यूटर, परीक्षा सामग्री की खरीदी किए, यदि वही जिम्मेदारी निभाते तो भवनों की तस्वीर अलग होती। मनरेगा मद से दर्शनीय शौचालय, प्रधानमंत्री आवास, ग्राम पंचायत भवन बने तो इस मद से स्कूल भवन क्यों नहीं बनाए जा रहे हैं।

बोर्ड परीक्षा में फिसड्डी साबित हुआ जिला

हाईस्कूल व हायर सेकंडरी स्कूल परीक्षा परिणाम में बेमेतरा जिले की रैकिंग का गिरना यहां के व्यवस्था को आइना दिखा रहा है। वर्ष 2017 के परीक्षा परिणाम में जिले का हाईस्कूल परिणाम 4थे नंबर पर और हायर सेकंडरी स्कूल के परिणाम 12वें नंबर पर था, जो इस बार बिलकुल विपरीत है। हाईस्कूल का परिणाम 26 वें और हायर सेकंरी स्कूल का परिणाम 16 वें स्थान पर है। विभाग इसे कड़ाई का तो विशेषज्ञ पढ़ाई का नतीजा बता रहे हैं। लेकिन इसे सबको स्वीकारना होगा कि हम फिसड्डी साबित हुए।