
प्राइवेट स्कूल अब मोबाइल पर बच्चों को नहीं दे सकेंगे होमवर्क (Photo Patrika)
CG News: बेमेतरा जिले के 342 निजी स्कूलों के शिक्षक अब अपने विद्यार्थियों को मोबाइल से होमवर्क नहीं दे सकेंगे। डीईओ डॉ. कमल कपूर बंजारे ने बच्चों में मोबाइल की लत बढऩे व इसके दुष्प्रभाव को रोकने के लिए कदम उठाया है। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से प्राप्त आदेश के मुताबिक जिले के स्कूलों में मोबाइल पर प्रतिबंध लगाया गया है। बच्चे मोबाइल लेकर कक्षा में नहीं आ सकेंगे। वहीं शिक्षकों को भी अपना मोबाइल साइलेंट रखना होगा।
रायपुर के एक बच्चे की मोबाइल के प्रति जिद सोशल मीडिया पर वायरल होते ही जिला शिक्षा विभाग ने स्कूली बच्चों में मोबाइल की लत छुड़ाने के लिए एक नया आदेश जारी किया है। बता दें कि जिले के 3295 बच्चों की नेत्र जांच में 665 बच्चों में दृष्टि दोष मिले हैं। स्कूलों में चश्मा पहनने वाले बच्चों की संख्या भी पहले से बढ़ी है।
मोबाइल का बच्चों पर नकारात्मक असर
मोबाइल में छात्रों की कक्षाओं का ग्रुप बनाकर होमवर्क दिया जाता है। कई बार कक्षाओं के ग्रुप बनाकर विषय की जानकारी भी मोबाइल पर ही दी जाती है। जिसके कारण बच्चे मोबाइल के आदी हो रहे हैं। बच्चे मोबाइल लेते हैं और हर तरह का कंटेंट उनके हाथों में होता है।
डॉ. रेशु मल्होत्रा, एसोसिएट प्रोफेसर नेत्र, नेहरू मेडिकल कॉलेज, रायपुर
मोबाइल के कम उपयोग से छात्रों की आंखों को कई फायदे होंगे। स्क्रीन टाइम कम होने से आंखों का सूखापन व जलन कम होगी। दरअसल बच्चे जब मोबाइल में व्यस्त होते हैं तो पलके नहीं झपकाते। इससे आंखों की नमी कम हो जाती है। ड्रायनेस की समस्या बढ़ जाती है। आंखों की रोशनी पर नकारात्मक प्रभाव नहीं होगा। मायोपिया जैसे रोग नहीं होंगे।
बच्चों में मोबाइल की लत छुड़ाने के लिए यह कदम उठाया गया है। पालकों की भी शिकायतें मिल रही थी। इसी वजह से मोबाइल पर होमवर्क देने पर रोक लगाई गई है।-कमल कपूर बंजारे, डीईओ बेमेतरा
Updated on:
19 Jul 2025 09:07 am
Published on:
19 Jul 2025 09:06 am
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