दरअसल, बैतूल लोकसभा सीट से बारस्कर सुभाष कोरकू किसान स्वतंत्र पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने अपना नामांकन फॉर्म गुरुवार को जमा किया। जिस वक्त सुभाष फॉर्म भरने पहुंचे उस वक्त उन्हें देख सब हैरान रह गए।
सुभाष किसान स्वतंत्र पार्टी से प्रत्याशी हैं। वह मजदूरी के साथ-साथ खेती भी करते हैं। उनकी आर्थिक स्थिति कुछ ज्यादा ठीक नहीं है। सुभाष का कहना है कि वह आदिवासी क्षेत्र की समस्याओं को लेकर चुनाव लड़ रहे हैं। उनका ऐसा मानना है कि सिस्टम को सुधारने के लिए सिस्टम में जाना पड़ेगा और ये संभव चुनाव जीतकर ही होगा। नामांकन फॉर्म जमा करने के लिए सुभाष के पास जमानत राशि भी नहीं थी। लेकिन उन्होंने लोगों का सहयोग लेकर जमानत राशि का इंतजाम किया और नामांकन फॉर्म जमा किया।
सुभाष ने कहा कि जमानत राशि के लिए 12,500 रुपए लेकर आया था। जिसमें 9200 सौ रुपए के चिल्लर थे। इतना ही नहीं सिक्कों के साथ उनके पास 3300 सौ रुपए नोट में थे। उनका कहना है कि इसके पहले मैं घोड़ाडोंगरी विधानसभा से चुनाव लड़ चुका हूं। मैं सिर्फ अपनी बाइक से ही चुनाव प्रचार करता हूं। किसान का बेटा हूं। इस क्षेत्र में बहुत सारी समस्याएं हैं। मैं उन समस्याओं के समाधान के लिए अब लोकसभा चुनाव लड़ रहा हूं। आगे उन्होंने कहा कि ये देश का लोकतंत्र है जहां अमीर आदमी चुनाव लड़ सकता है। तो वहां गरीब भी चुनाव लड़ सकता है। किसी के करोड़ों की संपत्ति होती है तो कोई लोगों के सहयोग से चुनाव लड़ता है।