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एमपी में सिर से जुड़ी जुड़वा बच्चियों का जन्म, मां और बच्चियों की हालत नाजुक, भोपाल रेफर

MP News: बैतूल जिला अस्पताल में गुरुवार शाम एक महिला ने जुड़वां बेटियों(Betul Twins) को जन्म दिया है। दोनों बच्चियां सिर से जुड़ी हैं। जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने सीजर से यह प्रसव कराया है।

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betul Twins conjoined head

बैतूल जिला अस्पताल में सिर से जुड़ी जुड़वा बच्चियों का हुआ जन्म (फोटो सोर्स : पत्रिका)

MP News: बैतूल जिला अस्पताल में गुरुवार शाम एक महिला ने जुड़वां बेटियों को जन्म दिया है। दोनों बच्चियां सिर से जुड़ी हैं। जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने सीजर से यह प्रसव कराया है। महिला और बच्चियों(Betul Conjoined Twins) की हालत गंभीर होने के कारण इलाज के लिए भोपाल रैफर कर दिया है। ग्राम खेड़ी सेलगांव निवासी अनिता पति विनोद धुर्वे को प्रसव के जिला अस्पताल में आठ दिन पूर्व भर्ती किया गया था। महिला को अधिक दिनों तक भर्ती होने और इसके बाद भी प्रसव नहीं होने पर गुरुवार शाम को जिला अस्पताल में डॉक्टरों ने सीजर ऑपरेशन किया। अनीता ने सिर जुड़ी जुड़‌वा बच्चियों को जन्म दिया है।

40 सप्ताह बाद हुआ प्रसव

जन्म के समय एक बच्ची का वजन 1800 ग्राम और दूसरी का 1920 ग्राम है। इनमें से एक बच्ची(Betul Conjoined Twins) ऑक्सीजन सपोर्ट पर है, जबकि दूसरी को होठ और मुंह में विकृति के कारण स्थिति गंभीर है। उसे वेंटिलेटर पर रखा गया है। महिला और बच्चियों की स्थिति गंभीर होने पर तीनों को शनिवार दोपहर बाद भोपाल रैफर कर दिया है। जिला अस्पताल के सीएस डॉ. जगदीश घोरे ने बताया कि महिला को पूरे 40 सप्ताह के बाद प्रसव हुआ है। बच्चियों की हालत गंभीर होने से इलाज के लिए भोपाल रैफर किया है।

महिला की पहले से दो बेटियां

अनीता का यह तीसरा प्रसव है। पहले के दो प्रसव से बेटियां है। महिला के पति विनोद ने बताया कि इसके पहले भी जिला अस्पताल में पत्नी की जांच कराई थी, लेकिन किसी ने नहीं बताया कि इस तरह से जुड़वा बच्चे हैं। उन्होंने बताया जुड़वा बच्चियों और उनकी मां की हालत गंभीर है।

दुर्लभ होती है यह स्थिति

जिला अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. जगदीश घोरे ने बताया कि इस स्थिति को क्रेनिया पेगस कहा जाता है। यह एक दुर्लभ चिकित्सीय अवस्था है, जिसमें शिशुओं के सिर आपस में जुड़े होते हैं। क्रेनिया पेगस के मामले बेहद कम (लगभग 80 लाख से 1 करोड़ प्रसवों में एक) देखने को मिलते हैं। इस स्थिति का कोई निश्चित कारण नहीं होता। भ्रूण के विकास के दौरान जब सिर और मस्तिष्क अलग-अलग नहीं बन पाते, तब यह विकृति उत्पन्न होती है।

14 वर्ष पहले पाढर में हुआ था जुड़वा बच्चियों का जन्म

इससे पहले पाढर अस्पताल में चिचोली ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम चूढ़िया निवासी माया यादव ने 2 जुलाई 2011 को जुड़वा बच्चियों को जन्म दिया था। 20 जून 2012 को विदेश के डॉक्टरों ने जुड़वा बच्चियों का ऑपरेशन कर लिवर अलग किया था। ऑपरेशन के कुछ दिन बाद एक बच्ची मौत हो गई थी। दूसरी बच्ची अभी जिंदा है। जुड़वा बच्चियों को स्तुति और आराधना नाम