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PM आवास योजना के घर बने नहीं, अधिकारियों ने निकाले लाखों रुपये, इनपर FIR

बैतूल जिले के आठनेर जनपद में एक अधिकारी समेत दो कर्मचारियों के खिलाफ पीएम आवास योजना और मनरेगा में लाखों रुपए गबन करने के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।

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PM आवास योजना के घर बने नहीं, अधिकारियों ने निकाले लाखों रुपये, इनपर FIR

बैतूल. एक तरफ तो सरकार हर गरीब के खुद के घर का सपना पूरा करने के लिए संभव प्रयास कर रही है, तो वहीं अधिकारी सरकार के इस महत्वकांक्षी फैसले पर पतीला लगाने में जुटे हुए हैं। दरअसल, मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के आठनेर जनपद में एक अधिकारी समेत दो कर्मचारियों के खिलाफ पीएम आवास योजना और मनरेगा में लाखों रुपए गबन करने के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। इनमें सहायक विकास विस्तार अधिकारी, कम्प्यूटर आॅपरेटर और रोजगार सहायक शामिल है।


गिरफ्तार किये गए तीनों अधिकारी-कर्मचारियों पर आरोप है कि, उन्होंने पीएम आवास की आईडी का इस्तेमाल करके राशि का आहरण हितग्राहियों के बजाय अन्य व्यक्तिगत खातों में किया है। ऐसा करने के बाद गरीबों का मकान बनने के पहले ही कागजों में उन्हें कंप्लीट बता दिया। बता दें कि, आठनेर जनपद की ग्राम पंचायत रजोला के गांव बरखेड़ में बड़े स्तर पर कलेक्टर को दस्तावेजों में गड़बड़ी की शिकायत मिली थी। जिसमें पीएम आवास योजना का लाभ अपात्रों को देने, आवासों के बिना बनाए उन्हें पूरा बताकर खातों से रकम निकाल लेने जैसी शिकायतें थीं। मामले को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर ने 4 सदस्यीय टीम गठित कर जांच शुरु करवाई थी।

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जांच में सामने आई हकीकत

पंचायत में गरीबों के लिए स्वीकृत हुए आवास में वित्तीय गड़बड़ी की थी। अधूरे मकानों को पूर्ण बताकर राशि संबंधित हितग्राहियों के बजाय दूसरे खाते में डाल कर अन्य के खाते में ट्रांसफर कर दिये थे। यही नहीं, आरोपियों ने मनरेगा की मजदूरी का भी फर्जी भुगतान कर रखा था।


यह पाए गए दोषी

जांच में सामने आया कि, जनपद के तत्कालीन आवास प्रभारी कंप्यूटर ऑपरेटर प्रवीण गायकवाड़, तत्कालीन रोजगार सहायक मेघराज सोलंकी, सहायक विकास विस्तार अधिकारी अमरलाल नागले ने मनरेगा और पीएम आवास में गड़बड़ी की है। इसके बाद मंगलवार को संबंधित आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। जनपद आठनेर के खंड पंचायत अधिकारी प्रेम कुमार ने तीन अधिकारी कर्मचारियों पर एफआईआर के लिए आवेदन दिया था। इसके बाद जिन लोगों के खाते में राशि ट्रांसफर हुई है, उन्हें भी दोषी माना गया है। इन सभी पर 12 लाख 96 हजार 868 रुपए के गबन का आरोप है।

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