Marhi Mata
मुलताई। नगर के मासोद मार्ग पर स्थित मरही माता मंदिर जन-जन की आस्था का केन्द्र है, पूरे वर्ष मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता रहता है। नगर के बाहर श्मशान के पास मंदिर स्थित होने से यह मान्यता है कि बुरी शक्तियों एवं आपदाओं से माता पूरे नगर की रक्षा करती है।
मरही माता मंदिर में पूरे नगर से श्रद्धालु नंगे पैर सुबह जल अर्पित करते हैं। मरही माता मंदिर समिति के शिव माहोेरे, मनोज साबले, भिवजी पंवार, किशोर देशमुख, संजय यादव ने बताया कि प्रति मंगलवार को मंदिर में सुबह से शाम तक भंडारे का आयोजन होता है। उन्होंने बताया कि नवरात्र में भी नौ दिनों तक भंडारा हो रहा है।
मरही माता मंदिर इतिहास समेटे हुए है। जहां पहले मासोद रोड पर श्मशान के पास एक छोटा से मंदिर हुआ करता था वहीं समय के साथ मंदिर का कई बार जीर्णोद्धार हुआ जिससे वर्तमान में बड़ा एवं आकर्षक मंदिर नजर आता है। बताया गया कि वर्षों पूर्व नामदेव कड़ूकार, वामन सेवतकर, रम्मूू जैन, चिपड साहू ने मंदिर का जीर्णोद्धार कराया था। इसके बाद मुकुंदराव मराठा, गोरू पंवार मंदिर का स्वरूप बदला। बाद में मंदिर में समिति का गठन होने के बाद मंदिर को आधुनिक स्वरूप प्रदान किया गया। मंदिर के पुजारी गजानन ठाकरे ने बताया कि वर्षों पुराने मरही माता मंदिर से नगर सहित क्षेत्रवासियाें की आस्था जुड़ी हुई है। माता नगर की रक्षा करती है तथा श्रद्धालुओं की मुरादें पूर्ण करती है।
Published on:
28 Sept 2022 06:04 pm
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