
बैतूल. प्रसिद्ध कुबेश्वरधाम वाले शिवपुराण कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा एक बार फिर अपने बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। इस बार उनके बयान पर सियासी घमासान मचा हुआ है। बैतूल में पंडित प्रदीप मिश्रा ने शिवपुराण के दौरान ने ऐसा बयान दिया जिसे लेकर कांग्रेस ने आपत्ति जताई है और पंडित प्रदीप मिश्रा के बयान को धर्म का राजनीतिकरण बताया है। बता दें कि पंडित प्रदीप मिश्रा इससे पहले भी कथा के दौरान दिए गए अपने बयान के लिए चर्चाओं में रह चुके हैं।
पंडित प्रदीप मिश्रा के बयान पर बवाल
बैतूल में ताप्ती शिवपुराण कथा का वाचन करते हुए पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि सनातन धर्म की रक्षा के लिए और राष्ट्र की रक्षा के लिए हर घर से एक बेटा संघ में या बजरंग दल में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि धर्म की रक्षा के लिए प्रत्येक घर से एक पुत्र को अग्रणी रहना चाहिए। जिसे लेकर सियासी घमासान मचता नजर आ रहा है। बैतूल कांग्रेस के कुछ नेताओं ने पंडित प्रदीप मिश्रा के इस बयान को लेकर कहा है कि ये धर्म का राजनीतिकरण है। पंडित प्रदीप मिश्रा को ऐसा कहने के बजाए बच्चों को अच्छी शिक्षा से जोड़ने की बात कहनी चाहिए थी। अगर वो हर घर से एक बच्चे को संघ या बजरंग दल से जोड़ने की बात कर रहे हैं तो ये समाज के लिए घातक है। बता दें कि पंडित प्रदीप मिश्रा बैतूल के कोसमी में 12 दिसंबर से चल रही ताप्ती शिवपुराण कथा के कथावाचक हैं। कथा का समापन 18 दिसंबर को होना है।
इंदौर में लड़कियों के पहनावे को लेकर दिया था बयान
पंडित प्रदीप मिश्रा इससे पहले भी अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहे हैं नवंबर महीने में ही उन्होंने इंदौर में कथा के दौरान लड़कियों के पहनावे और रहन सहन को लेकर एक बयान दिया था जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। तब प्रदीप मिश्रा ने कहा था कि मैं विजय नगर चौराहे से जा रहा था तभी मैंने देखा कि मदिरा की दुकान पर छोरे तो कम थे लेकिन छोरियां ज्यादा थीं, आजकल का माहौल खराब हो गया है। उन्होंने आगे कहा कि जो मदिरा की दुकान पर खड़ी हैं वो मेरे इंदौर की बेटियां नहीं हो सकती हैं ये तो दूसरी जगहों से इंदौर में आकर कॉलेज में एडमिशन लेकर.. कमरा किराए से लेकर रहने वाली बेटियां हैं जो इंदौर की फिजा को खराब कर रही हैं। पं. प्रदीप मिश्रा ने आगे कहा यह माता अहिल्या की भूमि है और रहेगी, आज भी मां अहिल्या हाथों में शिवलिंग लेकर चलती हैं, इसे कोई नकार नहीं सकता है। इंदौर की बेटियां इतनी मर्यादा नहीं तोड़ सकती हैं कि मदिरा की दुकान पर लाइन लगाकर शराब खरीदें। इंदौर की बेटियां आज भी बाहर जाती हैं तो मर्यादित कपड़े पहन कर जाती हैं, लेकिन इनको चिढ़ाने के लिए बाहर से आईं लड़कियां ऐसे कपड़े पहन कर जाती हैं, उन्हें चिढ़ाकर बोलती है जैसा हम कपड़े पहन रहे हैं, वैसा पहनो, जैसा हम कर रहे हैं वैसा करो।
Published on:
17 Dec 2022 09:05 am
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