30 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

फ्रांस में लाकडाउन से सौ करोड़ की कालीन डंप होने खतरा, पूंजी फंसने से बढ़ी निर्यातकों की चिंताएं

ऑर्डर तैयार लेकिन आयातक अभी माल न भेजने का कर रहे हैं अनुरोध

2 min read
Google source verification
Bhadohi Carpets

भदोही की कालीनें

पत्रिका न्यूज नेटवर्क

भदोही. कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए फ्रांस में सरकार ने चार सप्ताह का लॉकडाउन घोषित किया है। इसे लेकर भारतीय कालीन उद्योग की चिंता बढ़ गई हैं। कालीन निर्यातकों का दावा है कि फ्रांस में लगे लाकडाउन के कारण लगभग सौ करोड़ का कालीन डंप होने का खतरा बना हुआ है। ऐसे में कालीन निर्यातकों की पूंजी तैयार माल में फंसे होने के कारण उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।


गौरतलब हो कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण यूरोपीय देशों में अलग-अलग जगह लॉक डाउन लगा हुआ है। पहले जर्मनी और अब फ्रांस में लॉक डाउन होने के कारण कालीन निर्यातकों के पास आयातक फोन कर आर्डर न भेजने का अनुरोध कर रहे हैं। भदोही जिले के प्रमुख कालीन निर्यातक संजय गुप्ता ने बताया कि फ्रांस के एक आयातक के लिए उन्होंने 50 लाख रुपए की कालीन तैयार कर रखी थी और उसे जल्द ही वह फ्रांस भेजने की तैयारी में थे। लेकिन मंगलवार को आयातक ने फोन कर माल न भेजने का अनुरोध किया।

एक अन्य कालीन निर्यातक राजेंद्र मिश्रा ने बताया कि उनके भी फ्रांस के आयातक ने फोन कर माल ना भेजने का अनुरोध किया है। इसके साथ ही कई सारे ऐसे निर्यातक हैं जिनके पास फ्रांस के आयातकों के फोन आ रहे हैं जो माल को होल्ड करने का अनुरोध कर रहे हैं। इस स्थिति में निर्यातकों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गयी है। तमाम निर्यातक बैंकों के लोन पर कारोबार करते हैं और ऐसे में महीनों तैयार माल में पूंजी फंसे होने कारण उनपर ब्याज का भी बोझ बढ़ेगा और उनकी पूंजी फंसी रहेगी।


एक साल से कालीन ऊद्योग में है अनिश्चितता का माहौल

कोरोना संकट कालीन निर्यातकों का दावा है कि कोरोना काल मे बीते एक वर्ष के दौरान कालीन ऊद्योग में अनिश्चितता का माहौल रहा जो अब तक बना हुआ है। किसी देश का कोई भरोसा नही है कि वहां कब लाकडाउन लग जाये। ऐसे में जब भी किसी आयातक देश मे लाकडाउन हो जाता है तो उनके पूंजी फंसने के खतरे बना रहता है। इसे लेकर कालीन निर्यात संवर्धन परिषद के अध्यक्ष सिद्धनाथ सिंह ने बताया कि यूरोपीय देश कालीन के सबसे बड़े खरीददार हैं लेकिन वहां कोरोना के कारण लाकडाउन की स्थितियां बन रही हैं। इसके वजह से बीते वर्षों में दस से पंद्रह फीसदी काम प्रभावित होने का आकलन किया गया है।

By Mahesh jaiswal