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पालघर माॅब लीचिंग में जान गंवाने वाले साधु कल्पवृक्ष गिरी भदोही के रहने वाले थे

दस वर्ष की आयु में कुम्भ मेले से गायब होकर बन गए थे जूना अखाड़ा में सन्त। सन्त की हत्या के बाद परिवार में शोक।

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Kalpavriksha Giri

कल्पवृक्ष गिरी

भदोही. महाराष्ट्र के पालघर में माब लिंचिंग कर जूना अखाड़े के जिन दो सन्तो को मौत के घाट उतार दिया उसमे एक सन्त कल्पवृक्ष गिरी भदोही जिले वेदपुर गांव के निवासी थे। उनकी हत्या से उनके परिवार के लोग हैरान हैं और शोक में डूबे हैं। कल्पवृक्ष के बड़े भाई का वहां मौजूद पुलिस पर कहना है कि जब रक्षक ही भक्षक बन जाय तो क्या कहा जा सकता है।

कल्पवृक्ष गिरी जिले के ज्ञानपुर कोतवाली के वेदपुर के रहने चिंतामणी तिवारी के पुत्र थे। सन्त का परिवार द्वारा दिया गया नाम कृष्ण चंद तिवारी था। वो दस वर्ष की आयु में अपने दादी के साथ प्रयागराज के कुम्भ मेले में गए थे और वहीं से गयेब हो गए थे। वो सन्त-महात्माओं के साथ जूना अखाड़ा में जाकर सन्त हो गए। उनकी हत्या की खबर सुनकर परिजनों में शोक व्याप्त है।

लॉकडाउन के चलते कोई महाराष्ट्र नहीं जा पाया। पालघर में रहने वाले उनके भाई दिनेश चंद्र ने पोस्टमार्टम के बाद उनके शव को नाशिक के त्र्यंबकेश्वर नाथ में समाधि दिलाई। सन्त के भाई लालचंद तिवारी ने बताया कि लगभग 30 वर्ष पूर्व नासिक के जोगेस्वरी मंदिर एक भंडारे में उनके रिश्तेदार ने उन्हें पहचानने के घर को सूचना दी थी जिसके बाद उनके घर वाले उनसे मुलाकात की थी। पिछले माह उनकी माता का देहांत हो गया था लेकिन इच्छा के बावजूद लॉक डाउन के चलते उनकी इच्छा पूरी नही हो सकी।

By Mahesh Jaiswal