सूचना विभाग की ओर से जारी विज्ञप्ति में जिलाधिकारी के हवाले से बताया गया है कि बर्खास्त लेखपालों को कोई भी सरकारी देय अनुमन्य नहीं होगा। इसके अलावाव उन्हें भविष्य में किसी भी सरकारी सेवाओं के लिये भी अयोग्य घोषित कर दिया गया, इसके बाद अब वह किसी भी सरकारी सेवा में नौकरी के लिये योग्य नहीं होंगे।
बता दें कि यूपी सरकार की कड़ाई के बावजूद 25 हजार 577 लेखपालों में से मुख्किल से दो से ढाई हजार ही काम पर लौटे। इसके बाद सरकार ने कड़ा रुख अपनाया और जिलाधिकारियों को उनके खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दे दिया। निर्देश मिलने के बाद जिलाधिकारी ने कार्रवाई कर दी। इसके अलावा वाराणसी, मिर्जापुर और आजमगढ़ मंडल में भी लेखपालों पर कार्रवाई की गई है। इसमें आजमगढ़ में 16 मऊ में आठ और बलिया में 15 को निलम्बित कर दिया गया। इसी तरह सोनभद्र में 25 को निलंबित किया गया, जबकि मिर्जापुर में 223 के खिलाफ नोटिस जारी की गई है। जौनपुर में आठ, गाजीपुर में 22 और चंदौली में 12 को निलंबित किया गया जबकि वाराणसी में 37 को नोटिस जारी की गई है।
By Mahesh jaiswal