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जिस खौफनाक तरीके से हुई थी कृपाल सिंह की हत्या, उसी अंदाज में मारा गया गैंगस्टर कुलदीप जघीना, देखें ये बड़ी रिपोर्ट

भरतपुर शहर में काली की बगीची शीशम रोड पर बड़े भूखंड को लेकर कृपाल जघीना एवं कुलदीप जघीना (kuldeep jaghina murder) में विवाद चल रहा था

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भरतपुर। राजस्थान के भरतपुर में एक बार फिर खूनी खेल खेला गया। दरअसल गैंगस्टर कुलदीप जघीना (kuldeep jaghina murder) की बुधवार गोलियों से छलनी कर हत्या कर दी गई। इससे करीब 10 महीने पहले भरतपुर में ही भाजपा नेता कृपाल सिंह जघीना को भी इसी अंदाज में मौत के घाट उतार दिया गया था। बता दें कि एक जमीन के टुकड़ को लेकर गैंगस्टर कुलदीप जघीना और कृपाल सिंह (Kirpal Singh murder) में वर्चस्व की जंग चल रही थी।

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जमीन के टुकड़े के लिए बने जानी दुश्मन

बता दें कि शहर में काली की बगीची शीशम रोड पर बड़े भूखंड को लेकर कृपाल जघीना एवं कुलदीप जघीना में विवाद चल रहा था। कुलदीप इस जमीन पर निर्माण करा रहा था, जबकि कृपाल ने इस पर स्टे ले लिया था। इसके बाद दोनों में ठन गई और दोनों एक दूसरे की जान के दुश्मन बन गए। इस भूखंड पर सेटलमेंट कर जमीन से जुड़े सभी लोगों को निकालकर कुलदीप जघीना इस बेशकीमती जमीन को खरीदकर करोड़ों रुपए का सौदा कर पैसा कमाना चाहता था। कृपाल सिंह के स्टे लेने पर दोनों में विवाद हो गया।

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गोलियों से भूनकर हुई थी कृपाल की हत्या

इस जमीन के टुकड़े को पाने के लिए कुलदीप जघीना इतना बौखला गया था कि उसने कृपाल जघीना को रास्ते से हटाने की ठानी। इसके बाद एक गैंग को ये काम सौंपा गया। 4 सितंबर 2022 को जब कृपाल जघीना जब रात को अपने घर जा रहे थे, उसी वक्त जघीना गेट पर 3 बाइक और 2 कारों में सवार होकर आए बदमाशों ने उन्हें रोका और ताबड़तोड़ फायरिंग कर मौत के घाट उतार दिया। 48 साल के कृपाल जघीना जमीन कारोबारी थे। उनके खिलाफ भी कुछ मामले दर्ज थे। रेलवे सलाहकार समिति का सदस्य भी थे।

गोवा भागना चाहता था कुलदीप जघीना, घर से मिले 20 लाख

इस हत्याकांड के बाद कुलदीप अपने साथियों के साथ गोवा भागने की फिराक में था। पुलिस के कुलदीप को इंदौर में होने की जानकारी मिली। इसके बाद जब टीम वहां पहुंची तो पता चला कि कुलदीप अपने साथियों के साथ कार में गोवा के लिए रवाना हो चुका था। आरोपियों के ठिकानों की सूचना और स्थानीय मुखबिरी के आधार पर टीमें इनकी गिरफ्तारी के लिए रवाना हुईं। आरोपी इंदौर से काफी दूर निकल गए। इस पर आईजी गौरव श्रीवास्तव एवं एसपी श्याम सिंह ने महाराष्ट्र की कोल्हापुर पुलिस से संपर्क साधकर सहयोग मांगा। इसके बाद पुलिस ने गैंगस्टर कुलदीप व उसके साथियों को गोवा पहुंचने से कुछ ही घंटों पहले दबोच लिया। वहीं पुलिस को कुलदीप के घर से 20 लाख रुपए और जमीनों के कागजात भी मिले थे। इस हत्याकांड मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी कुलदीप सिंह जघीना उर्फ गौरू (28) पुत्र कुंवरजीत निवासी चार थोक जघीना, विश्वेन्द्र सिंह (28) पुत्र विजेन्द्र सिंह निवासी गांव पाली पुलिस थाना हलैना हाल शास्त्री नगर भरतपुर, राहुल (28) पुत्र परमवीर सिंह निवासी तीन थोक जघीना, विजयपाल सिंह उर्फ भूरा (28) पुत्र वीरेन्द्र सिंह निवासी नगला खंगर उवार उद्योग नगर तथा प्रभाव सिंह उर्फ भोला (22) पुत्र महावीर सिंह निवासी चार थोक जघीना को गिरफ्तार किया था।


उसी अंदाज में हुई कुलदीप की हत्या

इस हत्याकांड के 10 महीने बाद बुधवार को गैंगस्टर कुलदीप जघीना को भी उसी अंदाज में मौत के घाट उतार दिया गया। कुलदीप को जयपुर जेल से भरतपुर कोर्ट लाया जा रहा था। कुलदीप पुलिसवालों के साथ बस से भरतपुर आ रहा था। इस दौरान जैसे भी बस जयपुर-आगरा नेशनल हाइवे पर अमोली टोल प्लाजा के पास रुकी बदमाश अंदर घुस गए। उन्होंने पहले तो पुलिसकर्मियों की आंखों में मिर्ची झौंकी। इसके बाद करीब 15 राउंड फायरिंग कर कुलदीप की हत्या कर दी। इस हमले में विजयपाल घायल हो गया। दोनों आरोपी जयपुर सेंट्रल जेल में बंद थे।