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समय से पहले खेल खत्म, हंगामे के बीच कार्यक्रम छोड़ गए मंत्री

- खिलाड़ी एवं समर्थकों का आरोप 40 मिनट का खेल 37 मिनट में खत्म

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समय से पहले खेल खत्म, हंगामे के बीच कार्यक्रम छोड़ गए मंत्री

भरतपुर . एक प्वाइंट के लिए कश्मकश करती टीमें। समर्थकों के जोश के बीच दमखम से लबरेज खिलाडिय़ों की सांसों को एक सीटी ने फुला दिया। चालीस मिनट के खेल को 37 मिनट में ही खत्म कर दिया। ऐसे में एक टीम एक प्वाइंट के अंतर से बाहर हो गई। यह आरोप लगाते हुए शनिवार को कासौट की कबड्डी टीम के खिलाडिय़ों ने जिला स्तरीय राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक के समापन समारोह में हंगामा कर दिया। फाइनल मैच से पहले खिलाड़ी और उनके समर्थकों के हंगामे के बीच कार्यक्रम में पहुंचे केबिनेट मंत्री विश्वेन्द्र सिंह नाराज होकर कार्यक्रम को छोड़कर चले गए।
खिलाडिय़ों ने मैच परिणाम को लेकर खासा हंगामा किया। मुर्दाबाद के नारों के बीच हो रहे हंगामे के बीच मंत्री सिंह कार्यक्रम छोड़कर चल दिए। जिला कलक्टर आलोक रंजन ने खिलाड़ी और समर्थकों से समझाइश कर मामले को शांत कराया। इधर हंगामे को देख यहां बड़ी संख्या में पुलिस जाप्ता तैनात किया गया। राजीव गांधी ग्रामीण ओलिंपिक खेल का समापन समारोह शनिवार को लोहागढ़ स्टेडियम में होना था। इससे पहले 29 सितम्बर को कबड्डी का सेमीफाइनल मुकाबला सेवर और कासौट गांव की टीमों के बीच हुआ। यह मैच किन्हीं कारणों से रद्द कर दिया था। मैच रद्द होने के दौरान कासौट गांव की टीम के प्वाइंट ज्यादा थे। शुक्रवार को फिर से सेवर और कासौट गांव की टीम के बीच सेमीफाइनल मैच कराया गया। इस मैच में कासौट की टीम हार गई। कासौट की टीम ने मैच तय समय से कुछ देर पहले ही खेल को खत्म करने का आरोप लगाया। शनिवार को प्रतियोगिता के फाइनल मैच से पहले कासौट टीम ने गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए हंगामा खड़ा कर दिया। इससे एकबारगी यहां अफरातफरी मच गई।

यह भी लगे आरोप

कासौट टीम के खिलाड़ी-समर्थक एवं मैच से जुड़े अन्य लोगों ने आरोप लगाया कि खेल से जुड़े कुछ लोग भरतपुर से खेलों का खात्मा करने पर तुले हैं। इसी की नजीर कबड्डी मैच में देखने को मिली। आरोप लगाया कि एक अंक के मार्जन के बीच मैच को तीन मिनट पहले ही खत्म कर दिया, जबकि मैच के दौरान स्कोर सीट पर स्कोर नहीं लिखा गया। बाद में हंगामा होने पर इस सीट को भरा गया। समर्थकों ने सेवानिवृत खेल अधिकारी एवं कुछ शारीरिक शिक्षकों पर मैच में गड़बड़ी करने के आरोप लगाए। समर्थकों ने खुलकर सेवानिवृत खेल अधिकारी, कोच एवं शारीरिक शिक्षकों पर पक्षपात करने के आरोप लगाए। समर्थकों ने आरोप लगाया कि इन लोगों का पहले भी विवादों से नाता रहा है। पहले एक मैच में फीमेल की जगह मेल को खिला दिया था। हंगामे के बाद उसे हटाया गया था।

मंत्री बोले, लुहाच और बीटी जिम्मेदार

खिलाड़ी और समर्थकों के हंगामे के बीच कार्यक्रम छोड़कर जा रहे केबिनेट मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने खेल आयोजकों को माहौल खराब करने के लिए जिम्मेदार ठहराया। मंत्री सिंह ने सेवानिवृत जिला खेल अधिकारी सत्यप्रकाश लुहाच एवं राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेल प्रतियोगिता के नोडल अधिकारी श्रीनिधि बीटी को खेल को बिगाडऩे के लिए जिम्मेदार ठहराया। मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य राजीव गांधी ग्रामीण ओलिंपिक खेल के जरिए लोगों के बीच खेल की भावना पैदा करना है, लेकिन यहां खेल को आयोजक ही खराब कर रहे हैं।