
प्रतीकात्मक तस्वीर, फोटो - पत्रिका
Rajasthan: राजस्थान के मेडिकल क्षेत्र में एक चौंकाने वाला फर्जीवाड़ा सामने आया है। MBBS की सीट पाने के लिए 2020 NEET परीक्षा में पहचान बदलकर एग्जाम देने वाले भरतपुर मेडिकल कॉलेज के इंटर्न डॉक्टर को जयपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी राजस्थान के मेडिकल सिस्टम में पनपती नकल गैंग और फर्जीवाड़ा के खतरनाक ट्रेंड को उजागर करती है। पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपी सचिन , जो वर्तमान में भरतपुर के जगन्नाथ पहाड़िया मेडिकल कॉलेज में इंटर्नशिप कर रहा है, ने 2020 में अपने ही गांव के युवक अजीत गौरा के नाम से नीट परीक्षा दी थी। लेकिन आवेदन फॉर्म में फोटो अपनी लगाई थी। इस तरह अजीत के नाम पर परीक्षा दी और खुद MBBS सीट हासिल कर ली।
सचिन ने परीक्षा में 720 में से 667 अंक हासिल किए थे और उसी आधार पर उसे जोधपुर AIIMS में एडमिशन मिल गया। इस फर्जीवाड़े की पोल तब खुली जब कचौलिया कस्बा (जिला जयपुर) निवासी भीमराव गौरा ने SOG को इस मामले की शिकायत की। SOG ने शिकायत को चौमूं थाने को भेजा, जहां 15 मई को FIR दर्ज की गई।
जांच की जिम्मेदारी जयपुर पश्चिम एसीपी अशोक चौहान को सौंपी गई, जिनकी टीम ने भरतपुर से सचिन गौरा को हिरासत में लिया। वहीं, NEET परीक्षा में असली नाम वाला युवक अजीत गौरा, जिसने सचिन की जगह परीक्षा दी थी, को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि क्या यह सिर्फ एक ही मामला है या कोई संगठित रैकेट इस तरह की पहचान चोरी और मेडिकल एडमिशन फर्जीवाड़े को अंजाम दे रहा है। अधिकारियों का मानना है कि मामले में और भी खुलासे हो सकते हैं।
Published on:
06 Jun 2025 09:52 am
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