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राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023: जो तुमको हो पसंद वही काम करेंगे… कहो तो हाथी चढ़ेंगे, समोसे तलेंगे

Rajasthan Election: राजस्थान विधानसभा में मौन मतदाताओं के मन तक पहुंचने के लिए प्रत्याशी हरसंभव जतन कर रहे हैं। रोज के जनसंपर्क में हाथ जोड़ और पैर पडकऱ सीधे मतदाताओं तक पहुंच रहे हैं।

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Rajasthan Assembly Election 2023 : राजस्थान विधानसभा में मौन मतदाताओं के मन तक पहुंचने के लिए प्रत्याशी हरसंभव जतन कर रहे हैं। रोज के जनसंपर्क में हाथ जोड़ और पैर पडकऱ सीधे मतदाताओं तक पहुंच रहे हैं। एसएमएस, टेली कॉलिंग, रील और सोशल मीडिया पोस्ट से भी वोटर को आकर्षित करने का प्रयास कर रहे हैं। इतना ही नहीं मतदाताओं की मांग पर जनसंपर्क में अलग-अलग काम कर उनके बीच का ही होने का सबूत भी दे रहे हैं। नाम निर्देशन पत्र वापसी की आखिरी तारीख समाप्त होने के बाद से सभी प्रत्याशी सिर्फ मतदाताओं को रिझाने में जुटे हुए हैं। इसके लिए पारंपरिक तरीके से जनसंपर्क के साथ ही अन्य कई माध्यम भी अपनाए जा रहे हैं। इनके खर्च की जानकारी भी बकायदा निर्वाचन आयोग के समझ प्रस्तुत की जा रही है। प्रचार के ज्यादा से ज्यादा तरीकों के उपयोग का यही उद्देश्य है कि किसी न किसी तरीके से मतदाता के मन तक अपनी बात पहुंचा दी जाए। मौन बैठे इन मतदाताओं पर प्रचार के अलग-अलग दरवाजे से हो रही दस्तक का कितना असर हो रहा है, यह तो तीन दिसंबर को ही पता चलेगा लेकिन प्रत्याशी अपने प्रयास में कोई कसर नहीं छोड़ना चाह रहे हैं।

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मतदाता के रंग में रंगे
नेताओं के ठेले-गुमटी पर पकवान बनाना, चौराहे पर चाय की चुस्की, कलाकारों के साथ नाच-गान, बाइक राइडिंग, स्कूटी से चुनाव प्रचार का कार्य करने जैसे दृश्य कुछ समय से राजनीति का ट्रेंड बने हुए हैं। इस चुनाव में स्थानीय स्तर पर भी प्रत्याशियों के ऐसे दृश्य देखने को मिल रहे हैं। कामां में एक प्रत्याशी हाथी पर सवारी करते और कहीं समर्थक-मतदाताओं के साथ नाचते नजर आए हैं। वैर में एक प्रत्याशी चुनाव प्रचार में घुड़सवारी करते हुए दिखे हैं। नदबई विधानसभा में भी प्रत्याशी कुछ अलग अंदाज में नजर आ चुके हैं। बयाना में एक महिला प्रत्याशी दलित के घर में रोटी बनाकर खाती दिखाई दी। इसके अलावा मंचों पर प्रत्याशी के स्वागत में जमकर आतिशबाजी करने का भी ट्रेंड है।

इन तरीकों से मतदाता तक पहुंच रहे
जनसंपर्क: यह सबसे पुराना और सबसे प्रभावशाली तरीका माना जाता है। इस बार भी प्रमुख प्रत्याशी इस पर सबसे ज्यादा भरोसा कर रहे हैं। सुबह से रात तक वे घर-घर जाकर मतदाताओं से सीधे मिल रहे हैं।सोशल मीडिया: प्रचार के अन्य माध्यमों में फेसबुक, इंस्ट्राग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म का सर्वाधिक उपयोग हो रहा है। लगभग सभी प्रत्याशी जनसंपर्क की जानकारी देने के साथ विकास के दावे या भ्रष्टाचार के आरोप भी जनता तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं।
बल्क एसएमएस: कुछ प्रत्याशी अपने विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं को मोबाइल पर बल्क एसएमएस भेज रहे हैं। इसमें अपनी पार्टी के पक्ष में मतदान की अपील होती है।

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रील: प्रत्याशियों के जनसंपर्क, सभा, भाषण आदि के वीडियो को रील बनाकर आकर्षक तरीके से सोशल मीडिया के जरिए मतदाताओं में पहुंचाया जा रहा है। कई प्रत्याशी इसका उपयोग कर रहे हैं। कुछ ने इसके लिए पृथक से कार्यकर्ता को जिम्मेदारी दे दी है।
नुक्कड़-नाटक: कुछ प्रत्याशी या पार्टी के समर्थन में कलाकारों के दल गीत-संगीत के साथ नुक्कड़- नाटक कर रहे हैं। ऐसे आयोजनों में प्रत्याशी मौजूद नहीं होते हैं। जानकारी के अनुसार इस बार के विधानसभा चुनावों में कुछ अन्य प्रकार के रोचक दृश्य देखने को मिल रहें है। जिन्हें देखकर कई बार मतदाता भी हस जाते हैं।