
Bhusawari Oranges in Bharatpur
भरतपुर के भुसावर में एक किसान ने जैविक खेती से अपना नाता जोड़ा। अब किसान जगदीश भुसावरी संतरे की खेती से से कर रहा हैं लाखों रुपए की कमाई। किसान अधिक मुनाफे की चाह में रासायनिक खाद और कीटनाशकों का खूब उपयोग कर रहे हैं, लेकिन इसके नतीजे अच्छे नहीं आ रहे हैं। वजह, यह है कि रासायनिक खादों से भूमि की उपजाऊ क्षमता भी खत्म हो रही है। ऐसे में कई किसान जैविक खेती से नाता जोड़ रहे हैं। भुसावर के अधिकांश किसान अब जैविक खेती करने में रुचि ले रहे हैं। कस्बा स्थित गांव बोराज निवासी जगदीश मीना ने संतरे की जैविक खेती की है, जो खूब डिमांड में है। अचार के बाद यहां का संतरा भी खूब नाम कमा रहा है। जगदीश पिछले 6 साल से संतरे की जैविक खेती कर प्रतिवर्ष लाखों रुपए की कमाई कर रहे हैं।
जगदीश ने अपने मित्र की सलाह पर 6 साल पहले महाराष्ट्र के औरंगाबाद से संतरे के पौधे मंगाकर 4 बीघा जमीन में संतरे की खेती शुरू की थी। इसमें रासायनिक खाद की बजाय जैविक खाद का प्रयोग किया। संतरे के पौधे लगाने के तीन साल बाद फल आना शुरू हो गया। इन संतरों को मंडी में नहीं, बल्कि देश के विभिन्न क्षेत्रों से व्यापारी सीधे खेत से फल को खरीदकर ले जा रहे हैं। उन्हें इस संतरे की खेती से 5 से 6 लाख रुपए का मुनाफा हो जाता है, जो कि परंपरागत खेती से दोगुने से भी अधिक है।
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Published on:
04 Mar 2024 01:50 pm
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