
15 साल बाद दूसरी बार बनेगा सामान्य वर्ग का जिला प्रमुख, रोचक रहेगा मुकाबला,15 साल बाद दूसरी बार बनेगा सामान्य वर्ग का जिला प्रमुख, रोचक रहेगा मुकाबला,15 साल बाद दूसरी बार बनेगा सामान्य वर्ग का जिला प्रमुख, रोचक रहेगा मुकाबला
भरतपुर. जिला परिषद् के 15 साल के इतिहास में पहली बार सामान्य वर्ग का जिला प्रमुख चुना जाएगा। राज्य सरकार की ओर से शनिवार को जयपुर में निकाली गई लॉटरी में जिला प्रमुख पद का आरक्षण सामान्य वर्ग तय किया गया है। इसके साथ ही अब जिला प्रमुख पद को लेकर कशमकश भी शुरू हो गई है। चूंकि भरतपुर की राजनीति में जिला प्रमुख का पद बहुत खासा माना जाता रहा है। जिला प्रमुख के पद से राजनीति शुरू करने वाले कई नेता विधायक, विधानसभा अध्यक्ष व कैबीनेट मंत्री तक बन चुके हैं। राजनीति की पहली सीढ़ी पर चढऩे के लिए अब जिला प्रमुख की सीट को आधार माना जा सकता है।
जानकारी के अनुसार 1995 में जिला प्रमुख का पद सामान्य महिला वर्ग के लिए आरक्षित था, इस पर भाजपा की अनीता गुर्जर को चुना गया। 2000 में एससी की सीट पर रामलाल सागर जिला प्रमुख बने। 2005 में सामान्य वर्ग की सीट पर राजवीर सिंह, 2010 में ओबीसी महिला की सीट पर लीलावती भोंट, 2015 में सामान्य महिला वर्ग की सीट पर बीना सिंह को जिला प्रमुख चुना गया। जिला प्रमुख का पद जिले के बड़े नेताओं व पार्टियों के लिए नाक का सवाल रहा है। 60 साल इतिहास में तीन बार महिला जिला प्रमुख रही हैं। जिला प्रमुख पद पर रहे कई नेताओं ने राजनीति के बड़े पदों पर सफलता प्राप्त की है। 1982 में गिर्राजप्रसाद तिवारी को जिला प्रमुख चुना गया, जो कि विधानसभा अध्यक्ष तक बने। 1988 में विश्वेंद्र सिंह जिला प्रमुख बने, वह डीग-कुम्हेर विधानसभा सीट से विधायक बने और अब कैबीनेट मंत्री बने। 1989 में प्रमुख बने बृजेंद्र सिंह सूपा, 1995 में प्रमुख बनी अनिता सिंह गुर्जर ने विधायक पद तक का सफर तय किया।
Published on:
21 Dec 2019 08:29 pm
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