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डिप्टी सीएमएचओ से छीने हस्ताक्षर के अधिकार

- कार्यालय की सजावट करने के बाद बढ़ा था विवाद

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डिप्टी सीएमएचओ से छीने हस्ताक्षर के अधिकार

डिप्टी सीएमएचओ से छीने हस्ताक्षर के अधिकार

भरतपुर . राष्ट्रीय कार्यक्रमों का पैसा कार्यालय की सजावट पर खर्च करने का मामला तूल पकडऩे और सीएमएचओ एवं डिप्टी सीएमएचओ में आरोप-प्रत्यारोप के दौर के बीच अब सीएमएचओ ने डिप्टी सीएमएचओ के हस्ताक्षर करने के अधिकार छीन लिए हैं। अब सह हस्ताक्षर के लिए सीएमएचओ ने लेखाधिकारी एनआरएचओ को जिम्मेदारी दी है।
उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (स्वास्थ्य) डॉ. असित श्रीवास्त ने तत्कालीन चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनीष चौधरी ने अपने कार्यालय की विलासिता एवं अपव्यता करने के लिए अपने कार्यालय की साज-सज्जा के लिए सामग्री क्रय की गई थी। इसका भुगतान वर्टिकल प्रोग्राम तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम एवं राष्ट्रीय कुष्ठ रोग कार्यक्रम आदि से करने के लिए बिल भुगतान को मेरे पास भेजा। नोडल (वर्टिकल प्रोग्राम) अधिकारी के पद पर होने के नाते चेकों पर संयुक्त रूप से मेरे एवं सीएमएचओ के हस्ताक्षरों की जिम्मेदारी रहती है। यह बजट राष्ट्रीय कार्यक्रमों के प्रशिक्षण एवं प्रचार-प्रसार के लिए होता है। इससे खरीदारी वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आती है। पत्र में डॉ. श्रीवास्तव ने आरोप लगाया था कि बिलों पर हस्ताक्षर करने के लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी दवाब बना रहे हैं। इन आरोपों के बाद सीएमएचओ डॉ. मनीष चौधरी ने भी डिप्टी सीएमएचओ पर बिल पास करने के एवज में ठेकेदारों से कमीशन मांगने के आरोप लगाए थे। मामला तूल पकडऩे के बाद इसकी प्रशासन ने जांच की थी। इसमें सामने आया था कि तम्बाकू छुड़ाने के प्रचार-प्रसार के लिए आई राशि से कार्यालय की सजावट की गई। इसके बाद यह रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी गई थी।

यह लिखा है आदेश में

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनीष चौधरी की ओर से सोमवार को निकाले गए आदेशों में कहा है कि अधोहस्ताक्षरकर्ता के अधीन संचालित वर्टिकल कार्यक्रमों के सफल संचालन के लिए उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भरतपुर के स्थान पर लेखाधिकारी (एनआरएचएम) मुख्यालय को सह-हस्ताक्षर करने के लिए अधिकृत किया जाता है। इस संबंध में सीएमएचओ डॉ. मनीष चौधरी से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।

यह मिले हैं सीएमएचओ को निर्देश

निदेशक जन स्वास्थ्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं जयपुर की ओर से सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को जिलों में एनवीएचसीपी का नया खाता खोलने के संबंध में पूर्व में निर्देश जारी किए गए थे। वर्ष 2019 में जारी किए गए आदेशों में कहा था कि भारत सरकार की ओर से राज्या में नया प्रोग्राम (एनवीएचसीपी) शुरू किया गया है। इस प्रोग्राम को सुचारू रूप से क्रियान्वित करने के लिए सभी जिलों में नया बैंक खाता डिस्ट्रिक्ट हैल्थ सोसायटी के खाते से लिंक कराते हुए डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम कमेटी के नाम से खुलवाना है। इस खाते को संचालित एवं लेन-देन के लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (स्वास्थ्य) एवं जिला नोडल अधिकारी एनवीएचसीपी के हस्ताक्षर होंगे। जानकारों का कहना है सह हस्ताक्षर बदलने के लिए वित्त विभाग आदेश करता है, लेकिन यहां यह आदेश सीएमएचओ ने किए हैं।