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ढाई हजार सवालों के जवाब देने पर मिली 10वीं बोर्ड की अनुमति, 90 प्रतिशत से संतुष्ट नहीं, पुनर्मूल्यांकन में 97 फीसदी की उम्मीद

- बालोद की नरगिस 12 वर्ष की उम्र में बोर्ड परीक्षा में हुई शामिल, 90.50 प्रतिशत अंक मिले- फिलहाल आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल में 11वीं की पढ़ाई कर रही, जेईई करने के बाद यूपीएससी लक्ष्य

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ढाई हजार सवालों के जवाब देने पर मिली 10वीं बोर्ड की अनुमति, 90 प्रतिशत से संतुष्ट नहीं, पुनर्मूल्यांकन में 97 फीसदी की उम्मीद

ढाई हजार सवालों के जवाब देने पर मिली 10वीं बोर्ड की अनुमति, 90 प्रतिशत से संतुष्ट नहीं, पुनर्मूल्यांकन में 97 फीसदी की उम्मीद


भिलाई

बालोद के स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल के छठी कक्षा में पढ़ऩे वाली नरगिस खान एक दिन लाइब्रेरी में दसवीं क्लास के मैथ्स की किताब पलट रही थी। कुछ फॉर्मूला देखकर कागजों में उसके सवालों को सुलझाने लगी। इसी बीच नरगिस के घर पर स्कूल से शिकायत आने लगी। इसके अनुसार नरगिस हर सवाल का तुरंत जवाब दे देती है। दूसरे बच्चों को मौका ही नहीं मिलता। इस पर किसान पिता फिरोज खान ने बेटी को कम पढऩे के लिए कहा। बेटी कहां मानने वाली थी, उसने कह दिया 10वीं बोर्ड की परीक्षा देना चाहती है। इंटरनेट से सारी जानकारी जुटा ली कि ऐसा किया जा सकता है। पहले भी बच्चे कम उम्र में बोर्ड परीक्षा दे चुके हैं। इस बीच छठी कक्षा पास कर वह सातवीं में आ गई। आसपास के लोग भी कहने लगे कि इस बच्ची में कुछ तो खास है। फिर पिता ने पहली बार 30 मार्च 2022 को स्कूल के प्राचार्य को आवेदन दिया कि नरगिस को बोर्ड परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दें। प्राचार्य ने यह पत्र जिला शिक्षा अधिकारी को भेज दिया। डीईओ ने 13 अप्रैल को वह पत्र माध्यमिक शिक्षा मंडल को भेजा। वहां से हर क्लास में टॉप करने वाली नरगिस के आईक्यू टेस्ट कराने का आदेश हुआ। पिता पत्र लेकर बालोद सिविल सर्जन के पास पहुंचे। वहां आईक्यू टेस्ट की कोई व्यवस्था नहीं होने पर राजनांदगांव के सीआरसी भेज दिया गया जहां मनोरोगियों की जांच और इलाज होता है। पिता बाइक से सात बार राजनांदगांव गए। वहां सेंटर में नरगिस से ढाई हजार सवाल पूछे गए। पजल्स सॉल्व करवाए गए। माइंड गेम के सवाल पूछे। थ्रीडी शेप में ड्रॉइंग बनवाते थे। औसतन पांच घंटे पूछताछ होती थी। फिर वहां से एवरेज इंटेलेक्चुअल फंक्शनिंग की रिपोर्ट दी गई। माशिमं ने इसे मेडिकल बोर्ड से वेरीफाई करवाया और अंतत: 26 सितंबर 2022 को बोर्ड परीक्षा में स्वाध्याय विद्यार्थी के रूप में शामिल होने की अनुमति दी। बोर्ड में उसे 90.50 प्रतिशत अंक मिले। नरगिस इससे संतुष्ट नहीं है। उसे 97 प्रतिशत अंक की उम्मीद थी। इस वजह से उसने पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन दिया है। रिजल्ट आने पर प्रदेश की टॉप टेन की सूची में वह शामिल हो सकती है।

आईक्यू टेस्ट की सुविधा नहीं
नरगिस को जब आईक्यू टेस्ट के लिए कहा गया तो पिता परेशान हो गए। माशिमं की तरफ से जिला चिकित्सा विभाग के पास भेजा गया। वहां से बताया गया कि बालोद में ऐसी किसी जांच की व्यवस्था नहीं है। वहां से राजनांदगांव के सीआरसी सेंटर भेजा गया। वहां भी 5-5 घंटे का सेशन सात दिनों तक चला। कभी जीके के सवाल पूछते थे तो कभी पजल सॉल्व करवाते थे।

जेईई की तैयारी में आ रही समस्या
नरगिस फिलहाल 11वीं में मैथ्स लेकर पढ़ रही है। वह जेईई करना चाहती है। हालांकि जेईई में न्यूनतम उम्र की कोई सीमा नहीं है लेकिन नरगिस ने बताया कि सबसे कम उम्र में बिहार के सत्यम कुमार ने आईआईटी में प्रवेश लिया था। नरगिस भी जब बारहवीं बोर्ड पास करेगी, तब उम्र 14 वर्ष रहेगी। बीटेक करने के बाद वह यूपीएससी क्वालिफाई करना चाहती है। नरगिस का कहना है कि सबसे कम उम्र में यूपीएससी क्लीयर करने का रिकॉर्ड बनाना चाहती है। नरगिस के पिता फिरोज खान ने बताया कि बालोद में जेईई की तैयारी में समस्या आ रही है। इस वजह से वे चाह रहे थे कि बेटी को रायपुर में एडमिशन मिल जाता। इसके शिक्षा विभाग के अधिकारियों से मिल चुके हैं। आईजी आरिफ शेख भी रायपुर में एडमिशन दिलवाने का प्रयास कर रहे हैं।

जॉय हेलीकॉप्टर राइड में हुई थी शामिल
भेंट-मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से फर्राटेदार अंग्रेजी में बातकर चर्चा में आई नरगिस को भी हेलीकॉप्टर के जॉय राइड में शामिल होने का मौका मिला था। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था कि पढ़ाई में छत्तीसगढ़ सरकार मदद करेगी। नरगिस के पिता का कहना है कि अधिकारी सहयोग नहीं करते। बेटी को पढ़ाने के लिए वे हर संघर्ष के लिए तैयार हैं।