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18 स्कूल स्टेट गेम्स, जो विजेता नहीं था उसे दिलाना चाहते थे मंत्री से पुरस्कार, प्रभारी व व्यायाम शिक्षक होंगे निलंबित

समन्वयकों ने अपनी टीम को बढ़त दिलाने सूची में दुर्ग के खिलाडिय़ों विजेता बता दिया। वह तो अच्छा हुआ कि बस्तर के कोच ने जिला शिक्षा अधिकारी हेमंत उपाध्याय के पास आपत्ति दर्ज करा दी।

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भिलाई

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Dakshi Sahu

Sep 27, 2018

PATRIKA

18 स्कूल स्टेट गेम्स, जो विजेता नहीं था उसे दिलाना चाहते थे मंत्री से पुरस्कार, प्रभारी व व्यायाम शिक्षक होंगे निलंबित

भिलाई. बस्तर से आए स्कूली बच्चों ने शहर के सुविधायुक्त बच्चों को साइकिलिंग प्रतियोगिता में पछाड़ दिया। वो भी तब जब वे अपनी पुरानी और सस्ती साइकिलों पर रेस लगाने उतरे थे। यह शहर के शिक्षकों को रास नहीं आया। समन्वयकों ने अपनी टीम को बढ़त दिलाने सूची में दुर्ग के खिलाडिय़ों विजेता बता दिया। वह तो अच्छा हुआ कि बस्तर के कोच ने जिला शिक्षा अधिकारी हेमंत उपाध्याय के पास आपत्ति दर्ज करा दी।

डीईओ की जांच में आया सामने
डीईओ की प्रारंभिक जांच में ही पूरा मामला साफ हो गया। आखिर में बस्तर के बच्चों को ही विजेता घोषित किया गया। डीईओ ने भी माना है कि समन्वयक और व्यायाम शिक्षकों ने जान बूझकर विजेताओं की सूची में हेरफेर की। १८वीं राज्य स्तरीय शालेय खेल प्रतियोगिता का रिजल्ट तैयार करने में भारी गड़बड़ी की गई।

दुर्ग के खिलाडिय़ों को बना दिया विजेता
24 सितंबर को हुई साइकिलिंग रेस में दुर्ग जिले के समन्वयकों ने विजेताओं के नाम बदल दिए थे। साइकिलिंग के जूनियर में बस्तर और सरगुजा के खिलाड़ी ही विजेता थे। समन्वयकों ने हेरफेर कर दुर्ग के खिलाडिय़ों को विजेता बना दिया था। हालांकि जांच के बाद मामला साफ हो गया और बस्तर और सरगुजा को ही विजेता का खिताब दिया गया।

दो घंटे धूप में बैठे रहे बच्चे
समापन कार्यक्रम में भारी अव्यवस्था देखने को मिली। बच्चे करीब दो घंटे तक तेज धूप में बैठे रहे। विभाग ने उनके लिए टेंट लगाना तक जरूरी नहीं समझा। कुछ बच्चे पेड़ के छांव केनीचे बैठने को मजबूर हुए तो कुछ ने सिर पर कपड़ा रखकर धूप से बचने के इंतजाम किया। तेज धूप और उमस का आलम देखने के बाद भी शिक्षा विभाग ने यह कह दिया कि यह सभी खिलाड़ी हैं, इनको धूप से कोई दिक्कत नहीं होती।

मंत्री पांडेय बांटते रहे पुरस्कार, होता रहा प्रदर्शन
इधर नाराज दुर्ग के खिलाडिय़ों ने बुधवार को पुरस्कार वितरण समारोह के समय हंगामा खड़ा कर दिया। उनका दावा था कि जूनियर वर्ग में वे विजेता थे, जबकि पुरस्कार बस्तर और सरगुजा के खिलाडिय़ों को दिया गया। मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय और महिला एवं बाल विकास मंत्री रमशीला साहू पुरस्कार बांट रहे थे। मंच से खिलाडिय़ों को पुरस्कार बांट रहे थे, और अपनी बात पर अड़े दुर्ग के खिलाड़ी प्रदर्शन करते रहे। कार्यक्रम में हंगामा होता देख खिलाडिय़ों को वहां से हटाया गया।

सीधी बात, जिला शिक्षा अधिकारी हेमंत उपाध्याय
Q प्रतियोगिता के समापन पर बच्चों ने हंगामा क्यों खड़ा किया,
A हां, समन्वयकों ने गड़बड़ी की है। विजेता बस्तर और सरगुजा के खिलाड़ी थे। उन्होंने भिलाई-दुर्ग के खिलाडिय़ों को विजेता बता दिया था।
Q अब इन व्यायाम शिक्षक और समन्वयक पर क्या कार्रवाई करेंगे।
A नोटिस जारी किया जा रहा है, जवाब के बाद उन्हें निलंबित करेंगे।
Q दुर्ग जिले के बच्चे तो कह रहे हैं कि बस्तर ने रेस में नियम फॉलो नहीं किए फिर वे विजेता कैसे बने?
A रेस कराने वालों ने साफ कर दिया है कि बस्तर के बच्चे ही विजेता हैं। उनके नाम की घोषणा की गई।