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सेल एम्पलाइज को-ऑपरेटिव में 200 करोड़ का घपला, इस तरह मामले का हुआ खुलासा, जांच के आदेश

Bhilai News: सेफी के प्रतिनिधि मंडल ने चेयरमेन नरेंद्र कुमार बंछोर के नेतृत्व में रजिस्ट्रार, केंद्रीय सहकारी समितियों के कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की।

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सेल एम्पलाइज को-ऑपरेटिव में 200 करोड़ का घपला, इस तरह मामले का हुआ खुलासा, जांच के आदेश

Bhilai News: स्टील एग्जीक्यूटिव फेडरेशन ऑफ इंडिया (सेफी) के चेयरमेन नरेंद्र कुमार बंछोर के नेतृत्व में सेफी के वाइस प्रेसिडेंट नरेंद्र सिंह ने सेल एम्पलाइज कॉपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी, कोलकाता में हुए करीब 200 करोड़ के वित्तीय अनियमितताओं व प्रशासनिक गड़बड़ियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय, गृहमंत्री तक आवाज बुलंद की थी। इस शिकायत के आधार पर ही केंद्रीय रजिस्ट्रार ने इस मामले की जांच के आदेश दिए थे।

सरकारी प्रतिनिधि नियुक्त करने की मांग

सेफी के प्रतिनिधि मंडल ने चेयरमेन नरेंद्र कुमार बंछोर के नेतृत्व में रजिस्ट्रार, केंद्रीय सहकारी समितियों के कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की। सेल एंपलाइज कॉपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी, कोलकाता के संचालन के लिए सरकारी प्रतिनिधि नियुक्त करने मांग की है। सेल चेयरमेन ने बताया कि सेल एम्पलाइज कॉपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी, कोलकाता में करीब 2,000 से अधिक सेल के वर्तमान व पूर्व कार्मिक सदस्य हैं।

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सोसाइटी ने यहां किए पैसे निवेश

बंछोर ने बताया कि सोसाइटी ने 198 करोड़ रुपए, शेयरों और अन्य मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश किए, लेकिन कोई डीमैट खाता विवरण पेश नहीं किया। सोसाइटी ने पूरी राशि के मूल्य घटने से समाप्त होने का दावा किया, जो सत्यम घोटाले जैसी काल्पनिक रिपोर्टिंग की आशंका को उत्पन्न करता है। सोसाइटी ने नियम विपरीत 1,053 सेल के पूर्व कर्मियों व 12,520 बाहरी व्यक्तियों जैसे रक्शा चालकों को भी सदस्यता दी। जो मल्टी-स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटी एक्ट का उल्लंघन है।

कानून का किया गया उल्लंघन

सोसाइटी एक गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्था की तरह कार्य कर रही थी, जो एक गंभीर कानूनी उल्लंघन है। इस प्रकार से कई गंभीर अनियमितताएं मिली है। जैसे हॉलीडे होम के संचालन में 20 करोड़ से अधिक निवेश किया गया। जिसका राजस्व नगण्य है, निदेशक मंडल के चुनाव भी गैर कानूनी ढंग से कराया गया।

कर्मियों की पूंजी संकट में

उन्होंने बताया कि इस घोटाले से सेल के सेवानिवृत्त कर्मचारियों के जीवनभर की पूंजी संकट में पड़ गई है। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में कुछ शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं और अन्य शहरों में भी केस दर्ज कराए जाने का प्रयास जारी है।