
दिव्यांग रवि कुमार को नहीं मिल रहा सरकारी योजना का लाभ (Photo Patrika)
CG News: दिव्यांग रवि कुमार खुर्सीपार में निवास करता है। टूटी-फूटी ट्राईसाइकिल को हाथ से चलाते घर के चंद मीटर दूर तक जाता है। रास्ते में कोई उसे जान पहचान वाला कुछ दे देता है, तो वह खा लेता है। वह ट्राईसाइकिल से पानी भरने जाता है और वापस पानी को लेकर बाल मंदिर, खुर्सीपार आता है, जिसके एक कमरे में वह गंदगी के बीच जीवन यापन करने को मजबूर है। इस दिव्यांग युवक को जीने के लिए कोई राह नहीं मिल रही है और न शासन से कोई मदद।
रवि ने बताया कि वह शुरू से ही दिव्यांग है। मां उसे इस हाल में छोड़कर चली गई। मां नहीं होने की वजह से उसके पास राशन कार्ड नहीं है। राशन कार्ड नहीं होने की वजह से सरकार की ऐसी योजना, जिसका लाभ उस जैसे दिव्यांग के लिए है, उसका लाभ भी रवि को नहीं मिल रहा है। दो वक्त का भोजन उसके लिए सबसे बड़ी चुनौती है। राशन कार्ड महिला के नाम पर बनता है। मां छोड़ कर चली गई है इसलिए उनका राशन कार्ड नहीं बन रहा है।
पेंशन भी नहीं मिलती
दिव्यांग होने के बाद भी उसे कोई पेंशन नहीं मिल रहा है। बीपीएल राशन कार्ड होता, तो कम से कम हर माह राशन के नाम पर चावल तो मिल ही जाता। वह भी नहीं मिल रहा है। ऐसे में वह पूरा दिन दो वक्त की रोटी के जुगाड़ में लगा देता है। परिचय के लोग उसे कभी पैसा तो कभी खाने के लिए भोजन दे देते हैं।
7वीं तक पढ़ा है रवि
रवि बताता है कि 7 वीं तक पढ़ाई की है। इसके बाद कोरोना आ गया। वापस स्कूल खुला, तो शिक्षक बदल गए थे। पढ़ाने से मना कर दिया। इस तरह से शिक्षा भी हाथ से निकल गई। मोहल्ले में रहने वाले राकेश श्रीवास्तव ने बाल मंदिर के एक कमरे में रहने के लिए कहा। तब से वह वहां पर जीवन यापन कर रहा है।
ट्राईसाइकिल की बैटरी भी चोरी
बैटरी से चलने वाली ट्राई साइकिल उसे विधायक देवेंद्र यादव ने दिया था। इसकी बैटरी चोरों ने पार कर दिया। अब वह साइकिल कबाड़ में पड़ी है। अब फिर से उसके हाथ में पुरानी टूटी साइकिल और संघर्ष ही है। वह चाहता है कि उसे पीएम आवास मिले। राशन कार्ड मिले और दिव्यांग पंजा कुश्ती में हिस्सा लेने में उसकी मदद की जाए। उसे किसी से शिकायत नहीं, बस शासन की योजना का लाभ नहीं मिल रहा है, इस बात का दुख है।
Updated on:
16 Jun 2025 12:21 pm
Published on:
16 Jun 2025 12:20 pm
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