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इनाम सुन सुस्त खाकी वर्दी में आई नई जान, दो साल से अटके प्रकरण पुलिस ने दस दिन में सुलझाए

इनाम की बात आई तो सिटी कोतवाली पुलिस ने दो साल से लंबित मर्ग के 180 में से 90 प्रकरणों को दस दिन में सुलझा लिया।

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भिलाई

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Dakshi Sahu

May 23, 2018

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इनाम सुन सुस्त खाकी वर्दी में आई नई जान, दो साल से अटके प्रकरण पुलिस ने दस दिन में सुलझाए

दुर्ग . इनाम की बात आई तो सिटी कोतवाली पुलिस ने दो साल से लंबित मर्ग के 180 में से 90 प्रकरणों को दस दिन में सुलझा लिया। इन प्रकरणों को पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद भी नस्ती न कर आलमारी में सहेज कर रखा गया था। अब 90 प्रकरणों को नस्तीबद्ध कर खात्मा में डाला गया। धोखाधड़ी के आधा दर्जन लंबित प्रकरणों का भी निराकरण किया गया है। सिटी कोतवाली के प्रभारी टीआइ सिद्धार्थ बघेल (प्रशिक्षु आइपीएस) ने समय पर कार्य करने वालों को इनाम देने की घोषणा की है।

पेंडिंग मामलों को तत्परता से सुलझाने वालों को भी इनाम मिलेगा। इस घोषणा के बाद सिटी कोतवाली में एएसआई व प्रधान आरक्षकों के बीच पेंडिंग मामलों के निराकरण करने की होड़ लग गई है। इसी का नतीजा है कि दो साल से लंबित मर्ग के 90 मामलों का निबटारा कर लिया। जबकि इसके पहले पुराने मामलों का निराकरण करने का बार-बार निर्देश दिया जा रहा था, पर निराकरण की गति बढ़ नहीं रही थी।

धरपकड़ हुई तेज
विवेचना अधिकारी अपना सीआर सुधारने पुराने के साथ नए प्रकरणों की जांच पर भी ध्यान दे रहे हैं। दो दिन पहले पुलिस ने राजनांदगांव में लुका छिपी का खेल खेलने वाले धोखाधड़ी के आरोपी मामा-भांजा को गिरफ्तार कर जेल भेजा। इसके पहले तीन माह से विवेचना अधिकारी मामा-भांजा को फरार बता रहे थे।

धोखाधड़ी के पेंडिंग मामले की फाइल फिर से खुल गई
सिटी कोतवाली में सर्वाधिक ३० पेंडिग प्रकरण धोखाधड़ी के हैं। अधिकारियों का कहना है कि न्यायालय परिसर और क्षेत्र में रजिस्ट्री कार्यालय होने से प्रकरण दर्ज होना स्वाभाविक है। धोखाधड़ी के प्रकरणों के आरोपियों को पकडऩे विवेचना अधिकारी सक्रिय हो गए हंै।

जांच में नहीं दिखाते तत्परता फिर मामले रह जाते हंै लंबित
पुलिस एफआईआर या फिर शिकायत दर्ज करने के बाद प्रकरण की जांच में तत्परता नहीं दिखाती। धीरे-धीरे कई प्रकरण ठंडे बस्ते में चला जाता है। संबधित लोग थाने का चक्कर लगाते रहते हैं। ऐसे प्रकरणों की लंबी सूची देख इनाम की घोषणा की है। वहीं समय पर काम ना करने वालों को हिदायत दी।

दो दिन में खोज निकाला नाबालिग को
छह माह पहले एक नाबालिग गायब हो गई था। प्रकरण में पुलिस ने अपहरण का अपराध दर्ज किया है। एफआईआर दर्ज करने के बाद पुलिस यही कहती रही कि नाबालिग कहां इसका पता नहीं चल रहा है। दो दिन पहले विवेचना अधिकारी ने नाबालिग का पता चलने का दावा किया। टीम भी पड़ोसी राज्य रवाना हो गई है।

सिटी कोतवाली प्रभारी टीआई सिद्धार्थ बघेल ने बताया कि विवेचना को बेहतर और समय पर पूरा करने विवेचना अधिकारियों के कार्यो का मूल्यांकन किया जा रहा है। प्रकरणों के निराकरण करने के बाद चाहे वह हवलदार हो या फिर एसआइ हो उसे सीएसपी दुर्ग के माध्यम से पुरस्कृत किया जाएगा।