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OMG प्लांट से लोहा चुराने में ड्राइवरों से लेकर BSP अफसरों तक की मिलीभगत, हर रोज पार होता है इतना टन लोहा

बीएसपी का प्रोडक्ट चोरी छुपे बाहर निकलवाने वाले बिचौलिए, खरीदने वाले कारोबारी और तीन ट्रेलर चालकों को पुलिस ने पकड़ा है।

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भिलाई

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Dakshi Sahu

Dec 28, 2017

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भिलाई. इस्पात संयंत्र से निर्धारित मात्रा से अधिक लोहा पार करने वाले एक गिरोह का खुलासा हुआ है। बीएसपी का प्रोडक्ट चोरी छुपे बाहर निकलवाने वाले बिचौलिए, खरीदने वाले कारोबारी और तीन ट्रेलर चालकों को पुलिस ने पकड़ा है। इसमें बीएसपी और सीआईएसएफ के अधिकारियों की भी मिलीभगत बताई जा रही है। पुलिस ने कुछ संदेही लोगों से पूछताछ करने की भी बात कही है। जब्त 2.5 टन प्लेट की कीमत करीब साढ़े तीन लाख बताई गई है। आरोपियों के खिलाफ धारा 379, 411, 414 के तहज जुर्म दर्ज किया गया है।

जामुल थाना टीआई दिलीप सिंह सिसोदिया ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिली कि लोहा कारोबारियों का गिरोह सक्रिय है जो बीएसपी का प्रोडक्ट चोरी कर बेचता है। क्राइम ब्रांच पुलिस की टीम ने तत्काल छावनी बोगदा पुलिस स्थित स्टील ट्रेड कॉर्पोरेशन कंपनी में दबिश दी। कंपनी के संचालक दिलीप ठाकुर के ट्रेलर सीजी 04 टी 2704 में बीएसपी की करीब ढाई टन प्लेट लोड थी। पुलिस ने मौके पर ही सेक्टर-1, सड़क 6, क्वार्टर ए/ 23 निवासी दिलीप ठाकुर (52) और उसके ट्रेलर के चालक खुर्सीपार निवासी शंकर नायक (33) को गिरफ्तार कर लिया।

पूछताछ में दिलीप ने पुलिस को बताया कि हाउसिंग बोर्ड 32 एकड़ क्वार्टर निवासी पवन सिंह पिता सुरेश सिंह (25) गिरोह का मुख्य सरगना है। वह पहले किसी कंपनी के अंडर बीएसपी के भीतर में सुपरवाइजरी करता था। प्लांट के अंदर चलने वाले वाहनों के चालकों से उसकी दोस्ती है। वह बतौर बिचैलिया वाहन चालकों से मिलीभगत कर दिलीप को माल उपलब्ध कराता था। दिलीप बीएसपी से चोरी प्रोडक्ट अन्य कंपनियों और लोहा कारोबारियों को बेचता था।

पुलिस ने बताया कि पडड बार के पीछे खुर्सीपार वार्ड 38 निवासी चालक मुन्ना अंसारी (30) अपने ट्रक सीजी 04 जे 0867 और खुर्सीपार जोन २ निवासी धर्मेन्द्र सिंह (30) अपने ट्रेलर सीजी 07 सी 5655 में बीएसपी से ओवर लोडेड इस्पात (माल) को बाहर लाकर मुख्य सरगना पवन सिंह को पहुंचाते थे। पवन एक अलग ट्रक में माल को पलटकर दिलीप को देता था फिर दिलीप अन्य कारोबारियों को बेचता था। पुराने माल व स्क्रैप उठाने का ठेका लेते हैं और उसके साथ फ्रैश मॉल भी पार कर देते हैं।

गाड़ी के टूल बॉक्स और केबिन में भारी वस्तु व कई बार पत्थर लोडकर ले जाते हैं। संयंत्र में जाने के बाद उसे कहीं भी फेंक देते हैं और बदले में उतने वजन का प्रोडक्ट उठा लाते हैं। चेेसिस में लॉन्ग जॉब लगाकर वे ब्रिज में तौल करवाते हैं। संयंत्र जाने के बाद उसे निकाल देते हैं और उतने वजन के बराबर फ्रैश मॉल पार कर लेते हैं। जिस गाड़ी में माल पार करना हो उसका डीजल टैंक फूल कर लेते हैं। वजन कराकर अंदर जाने के बाद टैंक खाली कर देते है। ऐसा कर दो-तीन सौ किलो लोहा आसानी से पार कर जाते हैं।

अधिकारियों और कर्मचारियों
बीएसपी में जहां माल लोडिंग किया जाता है वहां के जिम्मेदार अधिकारियों आौर कर्मचारियों से पुलिस पूछताछ करेगी। माल लोड करते समय निगरानी की जिम्मेदारी है। अधिकारी चौकस रहेंगे तो अतिरिक्त माल लोड हो ही नहीं सकता। बिना इनके मिलीभगत के चोरी संभव नहीं है।

संयंत्र के भीतर जाने से पहले खाली और बाद में माल लेकर निकलने पर लोडेड वाहनों का वजन होता है। इसलिए हैं जिम्मेदार- बीएसपी से मॉल निकालने से पहले जिम्मेदार अधिकारी से अनुमति लेना होती है। बिना अनुमति के माल बाहर कैसे जा जा रहा है।

सीआईएसएफ जवान
इसलिए हैं जिम्मेदार-पूरे प्लांट में चोरी और हरेफेर पर नजर रखने की जिम्मेदारी सीआईएसएफ के जवानों की है। पुलिस बल के अधिकारियों और जवानों से भी पूछताछ करेगी। तकरीबन 10 साल पहले पवन लखोटिया की कंपनी एमबीएल इंफ्रास्ट्रक्चर ने भिलाई इस्पात संयंत्र से स्क्रैप उठाने का ठेका लिया था। तत्कालीन सांसद ताराचंद साहू ने आरोप लगाया था कि लखोटिया की कंपनी भिलाई स्टील प्लांट की सुरक्षा में तैनात सीआईएसएफ के अधिकारियों और कर्मचारियों से सांठ-गांठ कर स्क्रैप की आड़ में प्लांट से लोहा चोरी कर रही है।

इसी मामले को दबाने के लिए पवन लखोटिया ने ताराचंद साहू को 60 लाख रुपए देने की पेशकश की थी। ताराचंद ने इसकी शिकायत पर एसीबी की टीम ने ताराचंद साहू को 5 लाख रुपए बतौर एडवांस देते पवन को गिरफ्तार कर लिया था। इसी मामले में एसीबी ने सीआईएसएफ के एक डिप्टी कमांडेंट को भी गिरफ्तार किया था।

अभय गुप्ता पर आरोप था कि उसने आरोपी पवन लखोटिया के कहने पर इस मामले में मध्यस्थता की थी। एएसपी शशिमोहन सिंह ने बताया कि मामले की पूरी तह तक जाएंगे। बीएसपी और सीआईएसएफ के संदिग्ध अधिकारियों और कर्मचारियों से भी पूठताछ की जाएगी। जांच में दोषी पाए जाने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।