23 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बीएसपी सीईओ गारंटी ले ठेका श्रमिकों की जान के हिफाजत का, एेसा क्यों कहा श्रमिक नेताओं ने

भिलाई स्टील प्लांट में चार ठेका श्रमिक की मौत के बाद बवाल मचा हुआ है। पुलिस एक्शन में है, यूनियन नेता भी सक्रीय हो गए हैं।

2 min read
Google source verification

भिलाई

image

Abdul Salam

May 30, 2018

BHILAI

BHILAI

भिलाई. भिलाई इस्पात संयंत्र में काम करने वाले ठेका श्रमिकों के जान की हिफाजत और श्रम कानूनों का पालन प्लांट में हो, इसकी गारंटी सीईओ एम रवि लें। यह मांग संयुक्त श्रमिक संगठन ने बुधवार की शाम 5 बजे बीएसपी के औद्योगिक संबंध विभाग के सहायक महाप्रबंधक को दिए ज्ञापन में की।

संयुक्त यूनियन ने ज्ञापन में कहा है कि श्रम-कानून व सुरक्षा नियमों की अनदेखी के चलते आए दिन संयंत्र में दुर्घटनाओं व मौतों का क्रम जारी है। इसमें ज्यादातर ठेका श्रमिक शामिल हैं, जो चिंता का विषय है। मई २०१८ में ही चार ठेका श्रमिकों की मौत हो चुकी है। संयंत्र में लगातार शिकायतों के बाद भी श्रम-कानूनों का पालन नहीं किया जा रहा है। ठेका श्रमिकों के साथ न्यूनतम मजदूरी, वेतन-पर्ची, पीएफ पर्ची, हाजिरी-कार्ड, ईएसआई जैसे विषयों में धांधली हो रही है। समय पर वेतन का भुगतान नहीं हो पा रहा है। ठेकेदारों का व्यवहार अलोकतांत्रिक बना हुआ है और ठेका श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा के दायित्वों का निर्वहन नहीं किया जा रहा है।

यह थे मौजूद
इस मौके पर संयुक्त प्रतिनिधिमंडल में सीटू ठेका श्रमिक यूनियन से सचिव योगेश सोनी, कमलेश चोपड़ा, पी वेंकट, मनीष सहगल, एक्टू से महासचिव श्याम लाल साहू, अशोक मिरी, जेपी नायर, आरपी गजेंद्र, प्रभाकर दाते, लोकतांत्रिक इस्पात व इंजीनियरिंग मजदूर यूनियन से सुरेंद्र मोहंती, कलादास डेहरिया, राजेंद्र परगनिहा, देवेंद्र सोनी, हेमंत साहू मौजूद थे।

संयुक्त यूनियन ने यह की मांग :-
- श्रम कानूनों व सुरक्षा नियमों का कड़ाई से पालन करते हुए कार्य-स्थल पर श्रमिकों की सुरक्षा तय की जाए,
- स्थापित नियमों के मुताबिक प्रधान नियोक्ता होने के नाते कार्य के दौरान ठेका श्रमिकों की मौत होने पर उनके एक आश्रित को संयंत्र में स्थाई नौकरी तय की जाए,
- ठेका श्रमिकों के लिए सेल का न्यूनतम वेतन निर्धारित करते हुए सुप्रीम कोर्ट निर्देशित समान काम समान वेतनमान के नियम को लागू किया जाए,
- तकनीकी कार्यों में अप्रशिक्षित श्रमिकों को न लगाया जाए,
- श्रमिकों के ट्रेड-यूनियन व लोकतांत्रिक अधिकारों की गारंटी करते हुए ठेकेदारों के अभद्र व अलोकतांत्रिक व्यवहारों पर पूरी रोक लगाई जाए,
- ठेका श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी, वेतन-पर्ची, पीएफ-पर्ची, हाजिरी कार्ड, ईएसआई कार्ड, हर माह 10 तारीख तक उनके वेतन का भुगतान तय करें,
- ठेका श्रमिकों के पीएफ व ईएसआई में की जा रही अनियमितता पर पूर्णत: रोक लगाई जाए और माह में 26 दिन काम की गारंटी तय की जाए।