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भिलाई के 3 युवाओं का अनोखा स्टार्टअप ‘ज्वापा’ पहुंचा ऑस्ट्रेलिया तक, 9 लाख से शुरू की कंपनी, आज 2 करोड़ का सालाना टर्नओवर

CG News: छत्तीसगढ़ में चावल की बंपर पैदावार और इस क्षेत्र में संभावनाओं को देखते हुए देश की पहली राइस नूडल मैनुफैक्चरिंग बनाने का आइडिया आया। इसके लिए विदेशों से जरूरी मशीनों को इंपोर्ट किया गया।

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CG News: भिलाई के 3 युवाओं का अनोखा स्टार्टअप 'ज्वापा' पहुंचा ऑस्ट्रेलिया तक, 9 लाख से शुरू की कंपनी, आज 2 करोड़ का सालाना टर्नओवर

CG News: मोहम्मद जावेद/पूरी दुनिया को नूडल्स पसंद है। बच्चे तो इसके दीवाने होते हैं। लेकिन मैदे और विभिन्न तरह के केमिकल से प्रोसेस होकर बनने वाले नूडल्स सेहत के लिए नुकसानदायक है। इसी बात से सीख लेकर भिलाई के तीन युवाओं के स्टार्टअप ने पहली बार राइस (चावल) नूडल्स पेश कर दिए हैं। स्टार्टअप का नाम है, ज्वापा।

करीब 2 करोड़ रुपए का सालाना टर्नओवर

ज्वापा संभवत: भारत की पहली ऐसी स्टार्टअप कंपनी है, जिसने नूडल लवर्स के टेस्ट को समझते हुए हैल्दी स्नैक्स के रूप में चावल का विकल्प दे दिया है। साल 2022 में महज 9 लाख रुपए से शुरू हुआ यह स्टार्टअप आज करीब 2 करोड़ रुपए का सालाना टर्नओवर कर रहा है।

देश के सभी मैट्रो सिटीज के साथ-साथ विदेशों में भी ज्वापा अपने चावल नूडल के जरिए लोगों को हेल्थ और टेस्ट दोनों उपलब्ध करा रहा है। कंपनी को खड़ी करने में महज 25 साल के जीवी हिमांशु, उत्कर्ष वत्सा और श्रिया वत्सा की मेहनत है, जिन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी करने के बजाए आंत्रप्रेन्योर बनने का इरादा किया।

कंपनी में सिर्फ महिला कर्मचारी

अपने स्टार्टअप की जानकारी देते हुए को-फाउंडर हिमांशु ने बताया कि, कंपनी का नाम Óज्वापाÓ पंचतत्व को समटे हुए हैं। जे का अर्थ जल से है। इसमें वी, वायु के लिए इस्तेमाल हुआ है। ए का तात्पर्य अग्नि से है। वहीं पी से पृथ्वी और ए आकाश को दर्शाता है। कंपनी जहां अपने प्रोडक्ट्स के स्वाद से लोगों के दिलों में जगह बना रही है, वहीं समाज के लिए भी यह युवा अपना फर्ज निभा रहे हैं।

को-फाउंडर श्रिया ने बताया कि, कंपनी की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट बोरई दुर्ग में स्थापित की गई है, जहां 10 कर्मचारी पूरी प्रक्रिया को संभालते हैं। खासबात यह है कि कर्मचारी बोरई के आसपास के गांवों की महिलाएं और युवतियां हैं। कंपनी ने अपनी नीति में क्षेत्र की महिलाओं को आर्थिक स्वालबंबी बनाने का निर्णय लिया है। ये महिलाएं कुछ दिनों की ट्रेनिंग के बाद सभी मशीनों को एक्सपर्ट की तरह ऑपरेट कर रही हैं।'

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कोविड के दौरान आया आइडिया

कंपनी के को-फाउंडर उत्कर्ष ने बताया कि, वे तीनों ही बचपन के दोस्त हैं। कोविड के दौरान सभी घरों में थे। उसी दौरान कई तरह के बिजनेस आइडिया पर काम जारी था। कोविड खत्म होने के बाद सभी बाजार को समझने के लिए विभिन्न राज्यों की ओर गए। यहां के मार्केट को समझा। उसी बीच समझ में आया कि एफएमसीजी सबसे अच्छा ऑप्शन हो सकता है।

छत्तीसगढ़ में चावल की बंपर पैदावार और इस क्षेत्र में संभावनाओं को देखते हुए देश की पहली राइस नूडल मैनुफैक्चरिंग बनाने का आइडिया आया। इसके लिए विदेशों से जरूरी मशीनों को इंपोर्ट किया गया। फिलहाल, ज्वापा के सभी प्रोडक्ट्स में इस्तेमाल होने वाला चावल छत्तीसगढ़ से ही लिया गया है। यह सभी प्रोडक्ट्स ग्लूटन फ्री है। इससे सभी उम्र के लोगों को इससे कोई नुकसान नहीं होता। वहीं इसे आसानी से पचाया जा सकता है।

ई-कॉमर्स साइट्स पर हो रहा सेल

कंपनी की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में अभी हर दिन करीब एक टन के आसपास नूडल और अन्य प्रोडक्ट्स तैयार हो रहे हैं। इनकी सर्वाधिक खपत मैट्रो सिटीज में है। हेल्थ कॉन्सियस होने की वजह से लोगों ने इसे पसंद करना शुरू कर दिया है। ज्वापा अपने प्रोडक्ट्स खुद की वेबसाइट के अलावा अमेजन, फ्लिपकार्ट, ब्लिंकइट जैसी कॉमर्स साइट्स पर बेचता है। वहीं छत्तीसगढ़ के कई सुपर मार्केट और रिटेल स्टोर्स में भी यह कंपनी अपने प्रोडक्ट्स के जरिए एंट्री कर रहा है। इसमें राइस स्टिक्स, राइट पेपर जैसे प्रोडक्ट्स मैन्युफैक्चर कर रहे हैं।