
जम्मू-कश्मीर पंचायत चुनाव: चौथे चरण में 71.3 फीसदी मतदान, यहां देखे कहां पड़े कितने प्रतिशत वोट
दुर्ग@Patrika. मॉकपोल के वोट डिलिट किए बिना ही वास्तविक मतदान करा देने वाले धमधा के पीठासीन अधिकारी और सेक्टर अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। कलक्टर उमेश अग्रवाल ने इसे कार्य में लापरवाही करार देते हुए नोटिस का तीन दिन के भीतर समक्ष पेश होकर जवाब प्रस्तुत करने कहा है। जवाब संतोषजनक नहीं पाए जाने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।
मतदान केन्द्र क्रमांक 221 शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला धमधा
@Patrika.जिला निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक विधानसभा क्षेत्र साजा (आंशिक) के मतदान केन्द्र क्रमांक 221 शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला धमधा के पीठासीन अधिकारी वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी गोविंद गिरी गोस्वामी ने मतदान के दिन मॉकपोल के दौरान डाले गए वोटों को इवीएम से डिलीट (सीआरसी) किए बगैर ही वास्तविक मतदान करा दिया। जिसके कारण कंट्रोल यूनिट में प्रदर्शित मत और मतदाता रजिस्टर में अंतर पाया गया। जबकि मतदान दल के समस्त कर्मचारियों के साथ मतदान केन्द्र में नियमानुसार मतदान कार्य संपादित किए जाने के लिए दो बार प्रशिक्षण प्रदान किया गया था। इसके अलावा आयोग द्वारा इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन के उपयोग के लिएपुस्तिका भी दी गई थी।
मॉकपोल के बाद इवीएम में सीआरसी नहीं किया
@Patrika.इसके बाद भी पीठासीन अधिकारी ने मॉकपोल के बाद इवीएम में सीआरसी नहीं किया। इसी प्रकार सेक्टर अधिकारियों तथा मतदान दल के सभी कर्मचारियों को मतदान केन्द्र में नियमानुसार मतदान कार्य संपादित करने कई बार प्रशिक्षण भी दिया गया। सेक्टर अधिकारियों को मॉकपोल के बाद अपने प्रभार के मतदान केन्द्रों की इवीएम को सीआरसी किए जाने के संबंधमें स्पष्ट निर्देश दिए गए थे। इसके बाद भी सेक्टर अधिकारी उप अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विशाल गेडाम ने ध्यान नहीं दिया। इसे लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा-134 के विपरीत मानते दोनों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
Published on:
27 Nov 2018 09:41 pm
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