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कैसे दूर होगी इन किसानों की परेशानी ? अब तक नहीं मिला ₹45 करोड़ का मुआवजा, प्रशासन ने अपनाया लापरवाही भरा रवैया

Farmer Problem In Chhattisgarh : इन किसानों ने मुआवजे की गणना को लेकर प्रशासन के समक्ष आपत्ति दर्ज करा रखी है। यह राशि करीब 45 करोड़ बताई जा रही है।

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कैसे दूर होगी इन किसानों की परेशानी ? अब तक नहीं मिला  मिला ₹45 करोड़ का मुआवजा, प्रशासन न अपनाया लापरवाही भरा रवैया

कैसे दूर होगी इन किसानों की परेशानी ? अब तक नहीं मिला मिला ₹45 करोड़ का मुआवजा, प्रशासन न अपनाया लापरवाही भरा रवैया

दुर्ग. भारतमाला परियोजना के तहत दुर्ग-रायपुर के बीच सिक्सलेन सड़क निर्माण का काम शुरू कर दिया गया है, लेकिन प्रोजेक्ट की शुरुआत में फरवरी 2019 को जिले के करीब 300 किसानों से 16.40 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण किया गया था जिसका मुआवजा अब तक नहीं मिला है।

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इन किसानों ने मुआवजे की गणना को लेकर प्रशासन के समक्ष आपत्ति दर्ज करा रखी है। यह राशि करीब 45 करोड़ बताई जा रही है। वहीं तीसरे चरण (पूरक) में अधिग्रहित की गई 41.82 हेक्टेयर जमीन के मुआवजे का भी अब तक पता नहीं है।

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भारत माला परियोजना के तहत दुर्ग के अंजोरा से रायपुर के आरंग के बीच 93 किमी सिक्सलेन एक्सप्रेस कॉरिडोर सड़क का निर्माण किया जाएगा। पहले चरण में जिले के 26 गांवों के 1349 किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया है।

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जमीन के अधिग्रहण, परिसंपत्तियों की गणना और मुआवजे के निर्धारण में व्यापक विसंगतियां है। पहले ही 210 प्रकरण न्यायालय में लंबित है। वहीं 15 फीसदी किसान विसंगतियों से परेशान हैं। पूरक अधिग्रहण का भी भुगतान शुरू नहीं हुआ है। किसानों को हक मिले बिना जमीन का काम अनुचित है। -जेके वर्मा, प्रभावित किसान व अधिवक्ता हाईकोर्ट

हाईकोर्ट में 200 से ज्यादा मामले विचाराधीन

पहले फेज में विवादों के कारण करीब 210 मामले हाईकोर्ट में लंबित है। किसानों ने अधिग्रहण और मुआवजे की गणना की फिर से परीक्षण की मांग को लेकर अलग-अलग याचिका लगाई गई है। इनमें पाटन और दुर्ग के अलावा आरंग व राजनांदगांव के भी किसान शामिल हैं। मामले में हाईकोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।