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मासूम को घर में अकेली देख अपने साथ ले गया, अब जेल में बीतेगा पांच साल

मासूम के साथ दुष्कर्म का प्रयास करने के आरोपी तमेर पारा निवासी विजय यादव को न्यायाधीश हरीश कुमार अवस्थी ने दोषी ठहराया है।

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Durg Court decision

मासूम को घर में अकेली देख अपने साथ ले गया, अब जेल में बीतेगा पांच साल

दुर्ग . 12 साल की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म का प्रयास करने के आरोपी तमेर पारा निवासी विजय यादव को न्यायाधीश हरीश कुमार अवस्थी ने दोषी ठहराया है। न्यायालय ने आरोपी को घर के भीतर प्रवेश करने पर ३ साल की सश्रम कारावास और पॉक्सो एक्ट की धारा के तहत 5 वर्ष कारावास की सजा दी है। न्यायाधीश ने दोनों ंही धारा के तहत आरोपी को पांच-पांच सौ रुपए जुर्माना भी लगाया है। जुर्माने की राशि जमा नहीं करने पर दो-दो माह की अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी पड़ेगी।

नाबालिग बचाव के लिए चीखने लगी तो आरोपी वहां से भाग निकला
प्रकरण के मुताबिक घटना २५ मार्च २०१४ रात १० बजे की है। तब पीडि़ता घर पर अकेली थी। इसी बीच आरोपी घर के अंदर बलात प्रवेश कर दुष्कर्म की असफल कोशिश की थी। सफल नहीं होने पर अश्लील हरकत करते हुए नाबालिग को गोद में उठाकर अपने साथ ले जाने का प्रयास भी किया। नाबालिग बचाव के लिए चीखने लगी तो आरोपी वहां से भाग निकला। घटना के सार्वजनिक होने पर परिजन ने देर रात सिटी कोतवाली पहुंचकर आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल दाखिल करा दिया था। ४ माह ११ दिन जेल में रहने के बाद वह जमानत पर रिहा हुआ था। फैसले के बाद आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर वापस जेल पहुंचाया।

घटना के समय मां पानी लेने गई थी
घटना के दिन मोहल्ले में नल देर से खुला था। पीडि़ता की मां पानी लेने सार्वजनिक नल गई थी। वहीं नाबालिग बिस्तर पर बैठ पढ़ाई कर रही थी। इसी बीच आरोपी घर के अंदर बलात प्रवेश किया था। नाबालिग की चीख सुनकर जब वह घर पहुंची तो उसने आरोपी को घर से निकलते देखा लिया था।

गवाहों ने घटना का समर्थन किया

अतिरिक्त लोक अभियोजक कमल वर्मा ने बताया कि गवाहों ने घटना का समर्थन किया। वहीं पीडि़ता व उसकी मां ने आरोपी को पहचाना। हमने तर्क प्रस्तुत किया था कि घटना गंभीर प्रकृति की है। इसलिए आरोपी के प्रति यह कहते सहानुभूति दिखाना उचित नहीं है कि यह उसका पहला अपराध है। इस तर्क को न्यायालय ने सही ठहराते फैसला सुनाया।