
Dengue (फोटो सोर्स – Freepik)
Dengue Alert: भिलाई स्टील प्लांट (बीएसपी) के टाउनशिप में डेंगू पैर पसार रहा है। जिले में अब तक 27 सस्पेक्टेड मामले मिले हैं, जिसमें से 80 फीसदी भिलाई टाउनशिप के हैं। अकेले सेक्टर 1 में 14 केस मिले हैं। इसके पहले सेक्टर 4 हॉटस्पॉट था। इधर बीएसपी का पीएचडी और मलेरिया विभाग घर-घर सर्वे कर रहा है, लेकिन टाउनशिप और निगम क्षेत्र में दो साल पहले जिस तरह से कूलर आदि में एकत्र पानी में डालने के लिए बोतल में दवा वितरण किया जा रहा था, वैसे अब नहीं किया जा रहा है।
टाउनशिप, भिलाई में सोमवार को जिला मलेरिया अधिकारी, दुर्ग डॉक्टर रशमी ग्लैड खुद क्षेत्र में सर्वे टीम के साथ पहुंची। कूलर में लार्वा तो नहीं है, यह देखने में जुटी रहीं। साथ ही प्रभावित क्षेत्र में जाकर सर्वे टीम जांच भी कर रही है। सस्पेक्टेड मरीजों का इलाज शुरू कर दिया गया है। जिससे उनकी तबीयत में सुधार हो जाए।
चिकित्सक एलाइजा टेस्ट रिपोर्ट आने से पहले ही मरीजों के उपचार पर ध्यान दे रहे हैं। जिला मलेरिया विभाग की टीम भी मौके पर पहुंच रही है। घरों से लार्वा का नमूना भी एकत्र किया जा रहा है। वहीं बीएसपी के जन स्वास्थ्य विभाग भी परिवार का स्लाइड तैयार कर रहा है। सेक्टर-1 के आसपास मकानों में भी पर्चा वितरण किया गया है, जिसमें डेंगू से संबंधित तमाम जानकारी दी गई है।
अचानक तेज बुखार के साथ सिर दर्द होना। मांस पेशियों व जोड़ों में दर्द होना। आंखों के पीछे दर्द होना जो कि आंखों को घुमाने से बढ़ता है। जी मिचलाना, उल्टी होना। गंभीर मामले में नाक, मुंह, मसूड़ों से खून आना या त्वचा पर चकते आना है।
पानी से भरे बर्तनों व टंकियों को ढंककर रखें। कूलर को खाली करके सुखा दें। यह मच्छर दिन के समय काटते हैं, बदन को पूरी तरह ढक कर कपड़ा पहनें। मच्छरदानी का नियमित इस्तेमाल करें।
सेक्टर1 - 14
सेक्टर4 - 2
सेक्टर7 - 2
सेक्टर8 - 2
मरोदा सेक्टर - 2
कोहका - 2
दुर्ग - 3
कुल - 27
डेंगू फैलाने वाले एडीस इजप्टाइ मच्छर रुके हुए साफ पानी में पनपता है। घरों या कूलर, टंकी, पानी पीने के बर्तन, फ्रिज के ट्रे, फूलदान, टायर जैसे में यह मच्छर आसानी से पनपते हैं। मुय चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी ने सुरेंद्र कुमार बंजारे को प्रभारी सहायक जिला मलेरिया अधिकारी का जिमा दिया है। असल में उनका पदनाम हेल्थ एजूकेटर है। प्रचार-प्रसार का काम उनसे लिया जाना है। डेंगू नियंत्रण कार्य का जिनको अनुभव है, उनको यह जवाबदारी दिया जाना चाहिए था, ताकि कार्य प्रभावित न हो।
दुर्ग जिले में इस वक्त एक भी कीट विज्ञान शास्त्री नहीं है। इसकी वजह से टीम जांच करने मौके पर पहुंचती तो हैं, लेकिन केवल संदेह के आधार पर घूम कर लौट आती है। टीम में कीट विज्ञान शास्त्री शामिल हो तो मौके से ही लार्वा की जांच कर डेंगू फैलाने वाले मच्छर की पुष्टी कर सकता है। वे कीट के सहारे अंडा, लार्वा, प्यूपा का संग्रहण कर जांच करते। वर्तमान में इसकी कमी है जिसकी वजह से नमूना एकत्र कर रायपुर भेजा जाता है। इस तरह से प्रक्रिया लंबी हो जाती है।
डेंगू के मरीज टाउनशिप में अधिक मिल रहे हैं। आज सेक्टर 1 व आसपास के क्षेत्रों में जाकर जाएजा लिया। दवा का छिड़काव भी करवाया गया। सीवर लाइन फूटा है, वहां लार्वा देखने को मिला। - डॉ. रश्मि ग्लैडजिला मलेरिया अधिकारी, दुर्ग
Updated on:
29 Jul 2025 02:19 pm
Published on:
29 Jul 2025 02:18 pm
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