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पति-पत्नी, बेटी-दामाद ने रची साजिश, बुजुर्ग महिला से 22 लाख की ठगी, आरोपी गिरफ्तार

Patrika Raksha Kavach Abhiyaan: आरोपी ने अपने सहयोगियों के साथ पुलिस अधिकारी बनकर हवाला की रकम उसके खाते में ट्रांसफर होने का झांसा दिया। उन्हें डिजिटल अरेस्ट का भय दिखाकर रकम ट्रांसफर कराया था।

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बुजुर्ग महिला से 22 लाख की ठगी, आरोपी गिरफ्तार(photo-patrika)

बुजुर्ग महिला से 22 लाख की ठगी, आरोपी गिरफ्तार(photo-patrika)

Patrika Raksha Kavach Abhiyaan: छत्तीसगढ़ के भिलाई जिले में पद्मनाभपुर थाना में क्षेत्र में रहने वाली पंडित जवाहर लाल नेहरु चिकित्सालय एवं अनुसंधान केंन्द्र सेक्टर-9 से सेवानिवृत्त नर्सिंग डिप्टी सुपरिटेंडेंट सुभाषीनी जैस को डिजिटल अरेस्ट कर 22 लाख की ठगी करने वाले आरोपी अजय जुनवाला को राजस्थान से पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

आरोपी ने अपने सहयोगियों के साथ पुलिस अधिकारी बनकर हवाला की रकम उसके खाते में ट्रांसफर होने का झांसा दिया। उन्हें डिजिटल अरेस्ट का भय दिखाकर रकम ट्रांसफर कराया था। इस मामले में आरोपी आकाश और राहुल फरार है। उनकी खोजबीन की जा रही है।

Digital Arrest: फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर बुजुर्ग महिला से ठगी

सीएसपी अलेक्जेंडर कीरो ने बताया कि यह घटना 2 जुलाई की पद्मनाभपुर थाना क्षेत्र की है। सुभाषिनी जैस बुर्जग है। उनकी बेटी और दामाद इंदौर में रहते हैं। उनके मोबाइल पर अनजान नंबर से वाट्सऐप कॉल आया। उसने मुंबई क्राइम ब्रांच का पुलिस अधिकारी बताकर भयभीत किया। यह कहा कि उसके खाता में 6 करोड़ 80 लाख रुपए हवाला के जमा हुए हैं।

पुलिस ने डिजटली गिरफ्तार कर लिया है। इनवेस्टीगेशन की जा रही है, लेकिन मुंबई आना पड़ेगा। जिससे वह डर गई और ठगों के झांसे में आ गई। ठग ने उन्हें मदद करने का झांसा दिया। 1 जुलाई को आरटीजीएस के माध्यम से खाता धारक 100272165329 में 22 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिया था।

बुजुर्ग महिला को डिजिटल अरेस्ट करने वाले आरोपियों में एक आरोपी को राजस्थान से गिरफ्तार किया है। जनता से अपील है कि किसी भी अपरिचित नंबर को इंटरटेन न करें। जाने अनजाने में ठगी के शिकार हो गए हैं तो सबसे पहले बिना देरी किए संबंधित थाना में रिपोर्ट करें, ताकि पुलिस ट्रांफर किए गए रकम को होल्ड करा सके।

22 लाख का एफडी तुड़वा दिया

पुलिस ने बताया कि बुजुर्ग महिला ने पोस्ट ऑफिस में जाकर 22 लाख रुपए का एफडी को तोड़वाया। ठगों द्वारा दिए गए खाते में रकम को ट्रांजेक्शन कराया। तब तक आरोपियों ने उसे डिजिटल अरेस्ट करके रखा। 22 लाख रुपए ट्रांसफर कराने के बाद दूसरी एफडी को तोड़ने का दबाव बनाया।

उस एफडी को तोड़वाने के लिए एक गवाह की आवश्यकता पड़ी। बुजुर्ग महिला ने पड़ोस में रहने वाले अपनी बहन की लड़के प्रतुल दास को फोन करके बुलाया। जब उन्होंने उन ठगो से बात की तब उन्हें समझ आया कि वे ठगी की शिकार हो गई। इस मामले को लेकर प्रतुल तत्काल थाना पहुंचा। पुलिस ने लाखों रुपए को फ्रीज भी करा दिया था।

डिजिटल अरेस्ट का झांसा देकर की करोड़ों की ठगी

महिला समूह से में खाता खुलवाकर धोखाधड़ी करने के आरोपी पति- त्नी को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक आरोपी पति-पत्नी अपने बेटी-दामाद से मिलकर धोधाधड़ी की वारदात को अंजाम देते थे। सुपेला टीआई विजय यादव ने बताया कि 25 जुलाई को पूर्णिमा चौहान ने धोखाधड़ी की शिकायत की थी।

आरोपी नेमा गोस्वामी, ईश्वरी गोस्वामी, योगिता गोस्वामी और भरत गोस्वामी मिलकर महिलाओं से विभिन्न फायनेंस बैंक से लोन दिलाने का झांसा देते थे। उन्होंने उनके समूह के नाम पर खाता खुलवाकर लोन निकाल लिया। जब उनसे लोन के संबंध में समूह की महिलाओं ने पूछा तो उन्होंने सीधे बीमारी का बहाना किया और पैसे लौटाने का भरोसा दिलाया, लेकिन समय बीतता गया।

आरोपियों ने उनका 15 लाख रुपए नहीं लौटाया। मामले में आरोपियों के खिलाफ धारा 318(4), 3(5) बीएनएस, 318(4), 3(5) बीएनएस दर्ज कर जांच शुरू की। आरोपी योगिता गोस्वामी, भरत गोस्वामी को हिरासत में लेकर पूछताछ की। उसने पूरे गिरोह का भंडाफोड़ किया। मामले में लिप्त आरोपी ईश्वरी गोस्वामी, नेमा गोस्वामी, बेटी योगिता गोस्वामी एवं दामाद भरत गोस्वामी को गिरतार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया।

गरीब महिलाओं को देते थे झांसा

टीआई ने बताया कि आरोपी बहुत ही शातिर किस्म के निकले। दो माह पूर्व रेश्ने आवास की महिलाओं को कम ब्याज का झांसा देकर स्मॉल बैंक फाइनेश के माध्यम से लोन दिलवाए। लोन लेने वाले कम पढ़ी लिखी घरेलू महिलाओं को अपने चंगुल में फंसाया। उनसे 15 लाख रुपए हड़प लिए।

एसएसपी विजय अग्रवाल ने मामले की गंभीरता को देखते हुए साइबर सेल और खुर्सीपार थाना की टीम गठित की। आरोपी के उस बैंक खाते को खंगाला गया। इंडसइंड बैंक अजमेर रोड बस स्टैंड जिला व्यावरा निकला। जिस सिम से बात की थी, वह आकाश और राहुल के नाम की थी। इस सिम के उपयोग से आरोपी आकाश कुमावत ने बैंक खाता खुलवाया। उसी से ठगी की वारदात को आंजाम दे रहा था।