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Watch video.. हाईकोर्ट, हितग्राहियों के पट्टे का नवीनीकरण कर मूलभूत सुविधा दें

छत्तीसगढ़ के पूर्व राज्य मंत्री बदरुद्दीन कुरैशी ने बताया कि शारदा पारा आवासीय योजना को लेकर हाईकोर्ट, बिलासपुर ने भूखंडधारियों के पक्ष में फैसला दिया है। हाईकोर्ट, बिलासपुर न्यायाधीश बीनू दत्त गुरु ने 15 अक्टूबर 2024 को नगर निगम भिलाई व नगरीय प्रशासन विभाग के सेक्रेटरी को आदेश दिया कि निर्णय की प्रतिलिपि मिलने के 2 महीने के अंदर हितग्राहियों की मांगी गई मूलभूत सुविधा व पट्टे का नवीनीकरण किया जाए। वे अब हितग्राहियों को लेकर नवीनीकरण की प्रक्रिया के लिए निगम जाएंगे।

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भिलाई

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Abdul Salam

Nov 04, 2024

पूर्व राज्यमंत्री बीडी कुरैशी ने बताया कि High Court, Bilaspur बिलासपुर हाईकोर्ट के न्यायाधीश ने पहले भी हितग्राहियों के पक्ष में निर्णय देकर नगर निगम, भिलाई को आदेश किया कि तत्काल मूलभूत सुविधाएं यानी, बिजली, नाली, सडक कि व्यवस्था कर भूखंडों का नवीनीकरण करें, लेकिन निगम भिलाई ने बिलासपुर, हाईकोर्ट के फैसले के बावजूद भूखड्धारियों को नवीनकरण, मूलभूत सुविधा पानी, बिजली, सडक, नाली व भूखंडों का सीमाकंन आजतक नहीं किया गया। इसके बाद भूखंडधारियों ने पुनः कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, तब जाकर उनके पक्ष में यह राहत भरा फैसला आया है।

फिर से जाना पड़ा हाईकोर्ट

उन्होंने बताया कि बिलासपुर हाईकोर्ट के न्यायाधीश ने हितग्राहियों के पक्ष में निर्णय दिया, लेकिन निगम भिलाई ने फैसले के बावजूद भूखड्धारियों को नवीनकरण, मूलभूत सुविधा पानी, बिजली, सडक, नाली व भूखंडों का सीमाकंन नहीं किया। तब भूखंडधारियों को मजबूर होकर फिर से हाईकोर्ट जाना पड़ा। भूखंडधारी रामसिया गुप्ता, देवनाथ मिश्रा, भोजराज, राजेंद्र कुमार शर्मा ने डब्ल्यूपीसी नंबर 221 ऑफ 2016 व डब्ल्यूपीसी नंबर 273 ऑफ 2016 के आधार पर बिलासपुर हाईकोर्ट के न्यायाधीश बीनू दतत गुरु ने निगम, भिलाई और सेक्रेटरी को आदेश दिया। इस खबर के बाद हितग्राहियों ने निगम का रुख किया है।

यह है मामला

उन्होंने बताया कि विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण (साडा) ने 1977 में Shardapara Housing Scheme शारदापारा आवासीय योजना के तहत् गरीब व कम आय के लोगों के लिए 30 गुना 15 = 450 वर्ग फुट भूखंड 4 सेक्टरों के माध्यम से 1269 भूखंड बनाया गया था। इसमें भिलाई इस्पात संयंत्र व निजी उद्योग में काम करने वाले श्रमिकों व छोटे-छोटे व्यवसायियों से आवेदन लेकर भूखंड रजिस्ट्रेशन करवाया था। योजना के मुताबिक हितग्राहियों बिजली, पानी, नाली, सड़क उपलब्ध कराने का आश्वासन भी दिया था, लेकिन भूखंडधारियों को मूलभूत सुविधा व भूखंडों का सीमांकन नहीं करने के कारण भूखंडधारियों ने मकान बनाने का कार्य शुरू नहीं किया था।

तब किया कोर्ट का रुख

2004 में मीडिया के माध्यम से हितग्राहियों को जानकारी दिया, राज्य शासन व भिलाई निगम उक्त योजना के स्थान पर अन्य योजना बनाने जा रही है, जबकि अधिकांश लोगों ने प्रीमियम की राशि देकर भूखंड रजिस्ट्रेश करवा लिया था। इसके बाद भूखंडधारियों को मजबूर होकर हाईकोर्ट, बिलासपुर का दरवाजा खटखटाना पड़ा और अब हितग्राहियों के लिए राहत भरी खबर आ गई है। https://www.patrika.com/bhilai-news/passengers-please-note-passengers-please-note-19115288