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जमीन खरीदी-ब्रिकी में धोखाधड़ी के शिकार हुए हैं तो सीधे एफआईआर दर्ज करा सकेंगे, पढि़ए पूरी खबर

ले-आउट के बिना प्लाटिंग करने वालों के खिलाफ अब सीधे एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। कलक्टर ने एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं।

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Town and country planning, Municipal corporation, Land sale,

दुर्ग . टाउन प्लानिंग से ले-आउट के बिना प्लाटिंग करने वालों के खिलाफअब सीधे एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। कलक्टर उमेश अग्रवाल ने ऐसे कारोबारियों व कालोनाइजरों की पहचान कर एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने राजस्व व निगम के अफसरों की टीम बनाई है। अफसर होर्डिंग व अन्य माध्यमों से डायवर्टेड प्लाट का प्रचार कर जमीन की खरीदी बिक्री करने वालों की जांच कर कार्रवाई करेंगे।

नगरीय निकायों के अफसरों की बैठक
कलक्टर उमेश अग्रवाल ने कलेक्टोरेट में नगरीय निकायों के अफसरों की बैठक लेकर इस संबंध में निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्र में जगह-जगह होर्डिंग व बैनर-पोस्टर लगाकर डायवर्टेड प्लाटों की बिक्री का भ्रम फैलाकर लोगों से धोखा किया जा रहा है। अधिकारी ऐसे होर्डिंग व अन्य सूत्रों से जानकारी जुटाकर संबंधितों के दस्तावेजों की जांच करेंगे। इसमें टाउन एंड कंट्री प्लाङ्क्षनग की अनुमति नहीं पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ सीधे एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।

13 में से 10 ने दबा लिए ओपन लैंड
बैठक में दुर्ग निगम कमिश्नर एसके सुंदरानी ने बताया कि अब तक 13 कालोनियों की जांच की गई है। जिनमें से 10 ने नियम का विपरीत सार्वजनिक उपयोग की ओपन स्पेस, सड़क व गार्डन की जमीन में निर्माण करा लिया है। कलक्टर ने इनके खिलाफ भी एफआई दर्ज कराने के निर्देश दिए। कालोनी निर्माण की स्वीकृति भी निरस्त किया जाएगा।

अवैध निर्माण पर भी होगी एफआईआर
कलक्टर ने नगरीय निकायों बने कालोनियों की भी जांच के लिए निर्देश दिए हैं। ऐसे कालोनियों के निर्माण की शर्तों की जांच की जाएगी। कालोनी में नागरिक सुविधाओं के लिए छोड़े जाने वाली खुली जगह, सड़क, गॉर्डन की जमीन पर निर्माण पाए गए तो उन्हें तोड़ दिया जाएगा। इसके अलावा ऐसे जमीन की बिक्री करने वाले पर भी एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।

सामान्य लोग भी करा सकेंगे अपराध दर्ज
कलक्टर ने बैठक में कालोनाइजर्स के द्वारा अवैध प्लानिंग व निर्माण के शिकार सामान्य लोगों को भी खोजने के निर्देश अफसरों को दिए। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों से भी सीधे कालोनाइजर्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाए। ऐेसे एफआईआर पर संबंधित अधिकारी प्राथमिकता से कार्रवाई करेंगे।