भिलाई

कोर्स मर्ज करने वाला देश का पहला IIT भिलाई, जहां इलेक्ट्रिकल के छात्र पढ़ेंगे कंप्यूटर साइंस

अब आइआइटी भिलाई से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले छात्र कंप्यूटर साइंस के विषय भी पढ़ सकेंगे।

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Jun 25, 2018
कोर्स मर्ज करने वाला देश का पहला IIT भिलाई, जहां इलेक्ट्रिकल के छात्र पढ़ेंगे कंप्यूटर साइंस

भिलाई. देश में अभी 23 आइआइटी संचालित है। इन सभी के बीच आइआइटी भिलाई ने सबसे पहले एक नई व्यवस्था शुरू की है। अब आइआइटी भिलाई से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले छात्र कंप्यूटर साइंस के विषय भी पढ़ सकेंगे। उन्हें विषय चुनने की आजादी होगी। आइआइटी ने अप्रेल में एमएचआरडी को प्रस्ताव भेजा था, जिसे मंजूरी दे दी गई है।

एक ही विभाग में मर्ज किया
सभी संस्थानों में अभी इलेक्ट्रिकल और कंप्यूटर साइंस के अलग-अलग विभाग है, लेकिन आइआइटी भिलाई में इन्हें एक ही विभाग में मर्ज कर दिया गया है। आइआइटी प्रशासन का दावा है कि फिलहाल यह सिस्टम सिर्फ अमरीका और यूके जैसे देशों के विश्वविद्यालयों में ही अपनाया गया है। जिसे अब आइआइटी भिलाई अडॉप्ट कर रहा है।

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आइआइटी के लिए काउंसलिंग शुरू हो गई है। प्रथम चरण की सीटों का आवंटन २७ जून को हो जाएगा। आइआइटी प्रशासन का कहना है कि यह विभागीय व्यवस्था है, जिसका असर एडमिशन प्रोसेस पर नहीं होने होगा। च्वॉइस फिलिंग में कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल ब्रांच ही है। छात्र पहले इनमें से एक चुनेंगे। इसके बाद छात्र च्वॉइस के हिसाब से विषय चुनेंगे। यह आइआइटी में चलने वाले फ्रेक्ट्रल एकेडमिक सिस्टम का हिस्सा होगा।

ऑटोमेशन की तरफ बढ़ रहा
आइआइटी भिलाई के इस कदम छात्रों को बेहतर एक्सपोजर दिलाने के लिए अच्छा कदम माना जा रहा है। इलेक्ट्रिकल के छात्र जब कंप्यूटर साइंस के विषय पढ़ेंगे तो नया नॉलेज पाएंगे। वक्त ऑटोमेशन की तरफ बढ़ रहा है, इंडस्ट्री को भी ऐसे इंप्लॉयर चाहिए तो इसमें दक्ष हों।

ऐसे में यदि सीएस का छात्र इलेक्ट्रिकल या इलेक्ट्रॉनिक्स के विषय की जानकारी रखता है तो इंप्लॉयबिलिटी बढ़ जाएगी। उन्हें बेहतर मौके मिलेंगे। इसी तरह कई बार ऐसा भी होता है जब सीएस में डिग्री मांगी जाती है, जिसमें इलेक्ट्रिकल वाला छात्र अपीयर नहीं हो पाता। इसका टेंशन भी खत्म हो जाएगा।

सीएस लेने के बाद भी पढ़ सकेंगे इलेक्ट्रिकल
वह छात्र पूर्व में पढ़े सीएस के विषयों को दिखाकर फायदा लेेगा। आइआइटी के डायरेक्टर प्रेा. रजत मूना ने बताया कि कंप्यूटर साइंस और इलेक्ट्रिकल विभाग को मर्ज किया गया है। छात्रों की ब्रांच अलग-अलग होगी, लेकिन वे सीएस लेने के बाद भी इलेक्ट्रिकल के विषय पढ़ेंगे। इससे उन्हें भविष्य में बेहतर एक्सपोजर मिलेगा। इंडस्ट्री की जरूरत के हिसाब से तैयार होंगे। एमएचआरडी ने इसकी अनुमति दी है।

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Published on:
25 Jun 2018 10:55 am
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