8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

आईआईटी भिलाई में 2 एमओयू, जर्मनी की मदद से स्थापित होगा सेंसर टेक्नोलॉजी सेंटर

IIT Bhilai: यह सेंसर जर्मनी की मदद से आईआईटी भिलाई में शुरू होगा। यह केंद्र दोनों संस्थानों के संयुक्त सहयोग से संचालित किया जाएगा और आधुनिक सेंसर टेक्नोलॉजी पर नए आयाम खोजे जाएंगे।

2 min read
Google source verification
आईआईटी में स्थापित होगा सेंसर टेक्नोलजी सेंटर (Photo source- Patrika)

आईआईटी में स्थापित होगा सेंसर टेक्नोलजी सेंटर (Photo source- Patrika)

IIT Bhilai: अपने विद्यार्थियों को वर्ल्ड वाइड एक्सपोजर दिलाने आईआईटी भिलाई कई प्रयास कर रहा है। इसी कड़ी में आईआईटी भिलाई ने सोमवार को जर्मनी की नामी सिएगेन यूनिवर्सिटी के साथ एमओयू किया। इस समझौते का मुख्य उद्देश्य शैक्षणिक और अनुसंधान सहयोग में क्षेत्र में आगे बढ़ना है।

IIT Bhilai: ज्वाइंट सेंटर ऑन सेंसर टेक्नोलॉजी स्थापित

एमओयू के तहत दोनों ही संस्थान साथ मिलकर अब विभिन्न क्षेत्रों में रिसर्च करेंगे, जिसमें आईआईटी भिलाई के विद्याथी और फैकल्टी दोनों साथ होंगे। एमओयू के अंतर्गत एक विशेष पहल के रूप में सेंसर टेक्नोलॉजी पर एक संयुक्त केंद्र ‘ज्वाइंट सेंटर ऑन सेंसर टेक्नोलॉजी स्थापित करेंगे। यह सेंसर जर्मनी की मदद से आईआईटी भिलाई में शुरू होगा। यह केंद्र दोनों संस्थानों के संयुक्त सहयोग से संचालित किया जाएगा और आधुनिक सेंसर टेक्नोलॉजी पर नए आयाम खोजे जाएंगे।

भारत-जर्मनी के शैक्षणिक रिश्ते बनेंगे

इस अवसर पर भारतीय दूतावास, जर्मनी से डॉ. बनर्जी भी उपस्थित रहे और उन्होंने इस एमओयू के बाद मिलने वाले बेहतर रिसर्च संसाधनों की सराहना की। समझौते पर आईआईटी भिलाई के निदेशक प्रो. राजीव प्रकाश ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए।

भारत-जर्मनी के बीच अकादमिक रिश्तों को और मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम बताया। इस समझौता ज्ञापन से अंत:विषयक अनुसंधान और नवाचार के लिए नए रास्ते खुलने की उम्मीद है। जिससे स्वास्थ्य सेवा, स्मार्ट बुनियादी ढांचे और पर्यावरण निगरानी जैसे क्षेत्रों में वैश्विक ज्ञान पारिस्थितिकी तंत्र और औद्योगिक अनुप्रयोगों में योगदान मिलेगा।

यह भी पढ़ें: बड़ी खुशखबरी! IIT भिलाई के इन विभागों में बढ़ी 329 सीटें, जल्द शुरू होगी प्रवेश की प्रक्रिया, जानें Details

डॉ. राजीव प्रकाशडायरेक्टर, आईआईटी भिलाई: इन एमओयू का मकसद विद्यार्थी और फैकल्टी को बेहतर एक्सपोजर दिलाना है। जर्मन विश्वविद्यालय के साथ हुए एमओयू के तहत आईआईटी में सेंसर टेक्नोलॉजी पर आधारित सेंटर स्थापित करने का निर्णय लिया गया है।

इंस्टीट्यूट्स के साथ समझौते

IIT Bhilai: इन एमओयू का मकसद विद्यार्थियों को मॉर्डन टेक्नोलॉजी से रूबरू कराना है। जिसमें फ्रांस और जर्मनी की यूनिवर्सिटी मददगार साबित होंगी। बता दें कि, आईआईटी द्वारा अभी तक दुनियाभर के विश्वविद्यालयों और इंस्टीट्यूट्स के साथ समझौते किए गए हैं। इसके अलावा भिलाई इस्पात संयंत्र, छत्तीसगढ़ पुलिस, शहरी विकास प्राधिकरण जैसे शासकीय विभाग भी शामिल हैं।

एक तरफ जहां शैक्षणिक एमओयू के जरिए विद्यार्थियों के पास स्टूडेंट्स और फैकल्टी एक्सचेंज जैसे विकल्प बढ़े हैं, वहीं प्रदेश के विभिन्न विभागों से एमओयू के जरिए आईआईटी उनकी टेक्नोलॉजी से मदद कर रहा है। पुलिस और प्रशासन की मदद के लिए विभिन्न सॉफ्टवेयर डिजाइन किए गए हैं।

आईएमटी फ्रांस के साथ भी हुआ समझौता

इससे पहले आईआईटी भिलाई ने इंस्टीट्यूट माइंस टेलीकॉम (आईएमटी) नोर्ड यूरोप के साथ भी एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते के तहत आईआईटी भिलाई के यूजी बीटेक और एमटेक व पीएचडी छात्रों को फ्रांस में अध्ययन करने और संयुक्त डिग्री अर्जित करने का अवसर मिलेगा।विद्यार्थियों को इंटरनेशनल एक्सपोज मिलेंगे और उनके कॅरियर को चार चांद लगाएगा।

यह सहयोग मैकेनिकल इंजीनियरिंग, पॉलिमर और कम्पोजिट मैटेरियल्स, मेकाट्रॉनिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ कंप्यूटर विज्ञान सहित कई क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगा।