
फसल बीमा के नाम पर किसानों के साथ ऐसा भद्दा मजाक, किसी को चार तो किसी को 12 हजार रुपए
दुर्ग. फसल बीमा भुगतान में गड़बड़ी के बाद अब इसकी गणना में भी दोहरा पैमाने का खुलासा हुआ है। मंगलवार को खुरसुल के ग्रामीणों ने कलक्टोरेट पहुंचकर इसका खुलासा किया। ग्रामीणों के मुताबिक एक ही गांव में समान नुकसान के बाद भी आधे किसानों को 4 हजार रुपए तो आधे को 12 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से भुगतान मंजूर किया गया है। इससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
90 किसानों को 4 व 130 किसानों को 12 हजार रुपए बीमा भुगतान
किसानों के साथ कलक्टोरेट पहुंचे खुरसुल के सरपंच राजीव शर्मा व उप सरपंच जसवंत देशमुख ने बताया कि खरीफ में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 220 किसानों ने धान का बीमा कराया था। सिंचित क्षेत्र होने के बाद भी गांव में सूखा पड़ा। इसके चलते गांव को अतिसूखाग्रस्त घोषित किया गया था। गांव में सूखे के आंकलन के लिए फसल कटाई प्रयोग भी किया गया। इसमें 33 फीसदी से भी कम फसल पाया गया। एक ही गांव में समान क्षति के बाद भी 90 किसानों को 4 हजार रुपए व 130 किसानों को 12 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से बीमा भुगतान जारी किया गया है।
पीएम की सभा के बाद जनदर्शन में 164 आवेदन
मंगलवार को कलक्टर जनदर्शन में 164 लोगों ने आवेदन सौंपा। पीएम मोदी की सभा की तैयारियों के कारण पिछले सप्ताह जनदर्शन नहीं हुई थी। सभा के बाद यह पहला जनदर्शन था, इसलिए इस बार ज्यादा भीड़ थी। कलक्टर उमेश अग्रवाल ने मंगलवार को खुद समस्याएं सुनी और संबंधित अफसरों को तलब कर निराकरण के लिए कहा।
ये मांगे और समस्याएं
जनदर्शन में श्रम कार्ड के आधार पर बीपीएल कार्ड बनाने, निरस्त गरीबी रेखा कार्ड को फिर प्रारंभ कराने, जमीन की सीमांकन रिपोर्ट बनानेे, शिक्षा के अधिकार के तहत स्कूल में प्रवेश दिलाने, संजीवनी-108 में मृत्यु होने पर क्षति पूर्ति राशि दिलाने, मकान का कब्जा दिलाने, मुस्लिम कब्रिस्तान में सीसी रोड बनाने, स्कूल में लगातार अनुपस्थित शिक्षक के विरूद्ध कार्रवाई करने, दैनिक श्रमिक के रूप में नियुक्ति दिलाने आदि की मांगें शामिल है।
Published on:
19 Jun 2018 10:29 pm
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