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इनसे मिलिए, ये है मंसूर अनीश, दुनिया का सबसे कम उम्र का पायलट

प्लेन उड़ाना कोई बच्चों का खेल नहीं। यह बात अब पुरानी हो चली है। इस कहावत को सच कर दिखाया है दुर्ग बोरसी के रहने वाले महज 15 साल के मंसूर अनीश ने।

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Bhilai patrika

इनसे मिलिए, ये है मंसूर अनीश, दुनिया का सबसे कम उम्र का पायलट

भिलाई. प्लेन उड़ाना कोई बच्चों का खेल नहीं। यह बात अब पुरानी हो चली है। इस कहावत को सच कर दिखाया है दुर्ग बोरसी के रहने वाले महज 15 साल के मंसूर अनीश ने। मंसूर का नाम अब जल्द ही गिनिज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में देखने को मिलेगा। अब तक पायलट परमिट के लिए सबसे कम 30 घंटे की ट्रेनिंग के बाद फ्लाइट उड़ाने का रिकॉर्ड दर्ज है, लेकिन मंसूर ने महज 24 घंटे में ही सेसना प्लेस उड़ाने का तजूरबा कर लिया। इस होनहार ने कनाडा के ट्रिपल ए नाम के एविएशन स्कूल से सर्टिफिकेट हासिल किया है। उन्हें ही दुनिया का सबसे छोटी उम्र का पायलट माना जा रहा है।

छुट्टी पर आया है अनीश
अपने मंसूर का दुर्ग से गहरा नाता है। गल्र्स कॉलेज, दुर्ग में प्रोफेसर डॉ. निसरिन हुसैन मंसूर की फुफी हैं। वैसे तो यह यंगेस्ट पायलट दुबई शारजाह में रहता है, लेकिन छुट्टियों में वो फुफी के घर बोरसी दुर्ग आता रहता है। इन दिनों शारजाह में वेकेशन चल रहा है, जिसमें मंसूर अपने फुफा-फुफी से मिलने आया हुआ है।

कनाडा ने दिया प्लेन उड़ाने का परमिट
मंसूर के पिता अली असगर अनीस शारजाह (दुबई) में सिविल इंजीनियर हैं और मां मुनीरा टीचर। शारजाह में ही पैदा हुआ मंसूर १०वीं में पढ़ता है। उसके मामा काईद जौहर जेट एयरवेज में पायलट हैं और उन्होंने अपने घर में एक सिमुलेटर बना रखा है। इसी सिमुलेटर में उन्होंने सात बरस के मंसूर को प्लेन उड़ाना सिखाना शुरू कर दिया। नौ बरस की उम्र में मंसूर सिमुलेटर में अकेले प्लेन उड़ा लेता था, लेकिन मुश्किल ये थी कि शारजाह या भारत सहित दुनिया के अनेक देश 18 बरस की उम्र से पहले कोई भी फ्लाइंग एकेडमी में एडमिशन नहीं देते हैं। काईद जौहर ने नेट पर सर्च किया और पता चला कि कनाडा में 14 बरस की उम्र में एडमिशन दिया जाता है। मंसूर के पैरेन्ट्स उसे कनाडा ले गए जहां ट्रिपल ए एविएशन एकेडमी में उसने डेढ़ महीने तक ट्रेनिंग ली और करीब 24 घंटे इसके बारे में सीखा।

और 10 मिनट में छू लिया आसमां
25 घंटे की उड़ान कंपलीट होने पर उसने करीब 1० मिनट प्लेन अकेले उड़ाया, जिसमें टेकऑफ से लेकर लैंडिंग तक सब अकेले किया। प्लेन उड़ाते वक्त मंसूर किसी प्रोफेशनल पायलट से कम नहीं लग रहा था। मंसूर ने बताया कि जर्मनी का एक रिकॉर्ड है जो 15 बरस की उम्र का है। इसलिए हमारी जानकारी के मुताबिक मैं ही दुनिया का सबसे छोटा पायलट हूं क्योंकि मैंने १४ साल में ही इस रिकॉर्ड तो तोड़ दिया है। मंसूर की फैमली के मुताबिक जल्द ही यंगेस्ट पायलट इन वल्र्ड का रिकॉर्ड मंसूर के नाम पर गिनिज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में दर्ज होगा। इसकी औपचारिकताएं पूरी की गई हैं।

कमर्शियल पायलट बनने का इरादा
मंसूर ने बताया कि वह बड़ा होकर कमर्शियल पायलट ही बनेगा। अगले साल उसका इरादा अटलांटिक ओशन पार करना है। मंसूर ब्रिलिएंट स्टूडेंट है और हर सबजेक्ट में ए प्लस ग्रेड में रहता है। वो जो भी काम करता है उस पर पूरी तरह फोकस्ड रहता है।