
डिजिटल अरेस्ट का भय दिखाकर 54 लाख से अधिक की ठगी (Photo Patrika)
Digital Arrest: भिलाई रिसाली क्षेत्र के चंद्राकर परिवार को 2 करोड़ की मनी लॉड्रिंग करने का आरोप लगाकर एक महीने तक डिजिटल अरेस्ट के मामले में चार आरोपी लखनऊ में गिरफ्तार हुए। साइबर ठगी का जाल बिछाने वाले पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। फिलहाल चार लेयर की जांच करते हुए म्यूल अकाउंट धारकों तक पुलिस पहुंची गई है। पत्रिका ने इस खबर को प्रमुखता से उठाया था। पुलिस हरकत में आकर 15 दिनों तक जांचकर आरोपियों तक पहुंच गई।
लखनऊ में 7 घंटे तक रुके तब मिले चार आरोपी
टीआई आनंद शुक्ला ने बताया कि प्रधान आरक्षक सूरज पांडेय, आरक्षक रवि विसाई, एसीसीयू आरक्षक अजित सिंह और कोमल राजपूत के साथ 12 जून की रात 1 बजे लखनऊ के लिए निकले। 800 किलोमीटर का सफर कर 13 जून को शाम 4 बजे लखनऊ पहुंचे। सीधे यूनियन बैंक पहुंचे। बैंक मैनेजर के साथ रणनीति बनाई। उनसे आरोपी राजेश विश्वकर्मा उर्फ राजू को फोन कराया। बैंक मैनेजर ने राजेश को होल्ड खाता खुलने का भरोषा देकर बैंक बुलाया। जैसे ही वह पहुंचा। टीआई ने उसे दबोच लिया। राजेश के निशानदेही पर उसके दोस्त दीपक गुप्ता और कृष्णा उर्फ कृष को हिरासत में लिया।
एएसपी सुखनंदन राठौर ने बताया कि सीबीआई अधिकारी और मुंबई क्राइम ब्रांच के अधिकारी बनकर नम्रता चंद्राकर के पिता को विडियो कॉल कर केनरा बैंक खाता नरेस गोयल को बेचना बताया और कहा उसमें 2 करोड़ रुपए की मनी लॉड्रिंग हुआ है। इसलिए डिजिटल अरेस्ट किया गया है। बिना किसी को कुछ भी साझा किए संपत्ति की जानकारी मांगी। चंद्राकर परिवार इतना डर गया कि साइबर ठगों के झांसे में आकर संपति और बैंक खातों की जानकारी दे दी। ठगों ने किस्तों में अलग-अलग बैंक खाते में 54 लाख 90 हजार रुपए ट्रांसफर करा लिए। जब एक महीने बाद नेवई थाना में शिकायत हुई। उसके बाद एसएसपी विजय अग्रवाल के निर्देश पर मामले की जांच शुरू की गई।
एक लाख पर 5 हजार कमीशन पर करते थे काम
एएसपी ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों से जब पूछताछ की गई तो उन्होंने म्यूल अकाउंट एक दूसरे को उपलब्ध कराना स्वीकार किया। राजेश, दीपक और कृष्णा मिलकर अकाउंट शुभम को देते थे। एक खाते में 1 लाख ट्रांजेक्शन पर 4 हजार रुपए कमीशन मिलता था। इसी तरह शुभम भी उक्त खातों को आगे लाइम राजा को देता था। वह उसे 1 लाख ट्रांजेक्शन पर 5 हजार रुपए देता था।
पुलिस या कोई भी एजेंसी डिजिटल अरेस्ट नहीं करती है। किसी भी अंजान का ऐसा कोई भी फोन आए या तो संबंधित थाना में शिकायत दर्ज कराए। या 1930 पर कॉल कर शिकायत कर सकते है। किसी के अज्ञात व्यक्ति के झांसे में न आए।
-विजय अग्रवाल, एसएसपी
Published on:
16 Jun 2025 12:03 pm
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