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हमारे स्वास्थ्य मंत्री ने झूठ बोला, डेंगू के लिए लोग नहीं, सिस्टम है जिम्मेदार

शहर में डेंगू से 34 लोगों की मौत के बाद जायजा लेने आए प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर लोगों को ही डेंगू संक्रमण के लिए जिम्मेदार ठहरा कर चले गए।

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Dengue in bhilai city

हमारे स्वास्थ्य मंत्री ने झूठ बोला, डेंगू के लिए लोग नहीं सिस्टम है जिम्मेदार

भिलाई. शहर में डेंगू से 34 लोगों की मौत के बाद जायजा लेने आए प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर लोगों को ही डेंगू संक्रमण के लिए जिम्मेदार ठहरा कर चले गए। उन्होंने यह भी कहा था कि मौसम ही ऐसा है तो किसी संस्था या व्यक्ति को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते। जबकि हकीकत यह है कि डेंगू वायरस के संक्रमण को रोकने को लेकर प्रशासन का पूरा सिस्टम फेल साबित हुआ है।

सरकारी अस्पतालों में नहीं किया जा रहा बुखार के सभी मरीजों का डेंगू टेस्ट

सरकारी अस्पतालों में बुखार से पीडि़तों की प्रापर ब्लड जांच नहीं की जा रही है। डॉक्टर पर्ची में दवा लिखकर चलता कर रहे हैं या बड़े शासकीय अस्पताल जाकर जांच कराने की सलाह दी जा रही थी। जबकि कलक्टर निर्देशित कर चुके हैं कि जो भी बुखार पीडि़त आए उसकी जांच करना अनिवार्य है।

मात्र 21 में किया जा रहा दवा छिड़काव
डेंगू का संक्रमण शहर के २१ से बढ़कर ३२ वार्डों में फैल चुका है। निगम और स्वास्थ्य विभाग का सर्वे और दवा छिड़काव का दायरा २१ वार्डों में सिमटकर रह गया है। जिन 21 वार्डों में टीम काम कर रही है वहां भी रोटेशन में टीम को दोबारा पहुंचने में विलंब हो रहा है। शहर को कोहका, कुरुद और मरोदा क्षेत्र में भी डेंगू ने पांव पसार लिया है पर वहां दवा छिड़काव का अतापता नहीं हैष

एक माह बाद भी नहीं पहुंची सर्वे टीम
१७ जुलाई को सबसे पहले सेक्टर-२ में डेंगू के तीन मरीज मिले। जिनका उपचा सेक्टर-9 अस्पताल में हुआ। तब एक बार टीम इस इलाके में गई थी। उसके बाद कोई नहीं गया। गुरुवार को इसी सेक्टर में एक बच्ची की मौत हो गई, तब टीम दोबार पहुंची। दो चार जगह डेंगू से बचाव की जानकारी वाला पोस्टर टांगकर और गाजर घास साफ कर लौट आई।

महंगी दवाई बाहर से ख्रीदने की मजबूरी
पूर्व महापौर नीता लोधी राघवेंद्र पांडेय और संजीव गिरी गोस्वामी रायपुर के एक अस्पताल में भर्ती मरीजों से मिलने गईं। मरीजों ने उनसे शिकायत की कि यहां प्लेटलेट्स के लिए चिकित्सक ने जो दवाइयां खाने की सलाह दी है उसे अस्पताल से उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। बाहर दवा काफी महंगी है।

टाउनशिप में खटाल पर कोई कार्रवाई नहीं, दूसरी बार नोटिस
टाउनशिप में खटाल पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। सेक्टर-७ महाराणा प्रताप चौक सहित अन्य खटाल संचालकों को नोटिस के बाद नोटिस जारी कर खानापूर्ति की जा रही है।खटाल की गंदगी बहकर सड़क तक फैल रही है। आवाजाही करने वालों को परेशानी हो रही है।