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सरकार की जय हो : दो महीने में दो बार बढ़ी रसोई गैस की कीमत, उज्ज्वला और सब्सिडी छोडऩे वालों को दोहरी मार

रसोई गैस की कीमतों में चुनाव से पहले राहत की उम्मीद कर रहे लोगों लिए बुरी खबर है। कीमतों को रिवाइज की छूट के बहाने पेट्रोलियम कंपनियों ने गैर-सब्सिडी एलपीजी सिलेंडर के दाम दो महीने में दो बार बढ़ाई है

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Durg patrika

सरकार की जय हो : दो महीने में दो बार बढ़ी रसोई गैस की कीमत, उज्ज्वला और सब्सिडी छोडऩे वालों को दोहरी मार

दुर्ग. रसोई गैस की कीमतों में चुनाव से पहले राहत की उम्मीद कर रहे लोगों लिए बुरी खबर है। कीमतों को रिवाइज की छूट के बहाने पेट्रोलियम कंपनियों ने गैर-सब्सिडी एलपीजी सिलेंडर के दाम दो महीने में दो बार बढ़ाई है। इससे 8 06 रुपए मिल रही सिलेंडर की कीमत ५९ रुपए बढ़कर 865 रुपए पहुंच गई।

घाटे का हवाला देकर दो माह से एकमुश्त बढ़ोतरी
केंद्र सरकार ने सब्सिडी घाटे को कम करने की मंशा से पेट्रोलियम कंपनियों को अंतरराष्ट्रीय बाजार की कीमतों के आधार पर हर माह कीमतों को रिवाइज करने की छूट दे रखी है। इसी के आधार पर पेट्रोलियम कंपनियां हर माह बाजार की समीक्षा कर गैस सिलेंडर की कीमत तय करती है। सामान्य तौर पर इसमें सिलेंडर की कीमतों में 5 से 10 रुपए की घट-बढ़ होती है, लेकिन घाटे का हवाला देकर कंपनियां दो माह से एकमुश्त बढ़ोतरी कर रही हैं।

कंपनियों ने इस तरह बढ़ाई कीमत
साल की शुरूआत में सिलेंडर ८०६ रुपए में मिल रही थी। इससे पहले नवंबर में अंतरराष्ट्रीय में गिरावट के कारण 4.50 रुपए कीमत घटाई गई थी। यह कीमत जून तक स्थिर रही, लेकिन जुलाई में एकमुश्त कीमत 24 रुपए बढ़ाकर 8 30 कर दिया गया। इसके तत्काल बाद अगस्त में भी 35 रुपए बढ़ा दिया गया।

पिछले मार्च में सबसे बड़ी 86 की बढ़ोतरी
इससे पहले पेट्रोलियम कंपनियों ने पिछले मार्च में भी एकमुश्त 86.50 रुपए कीमत बढ़ाई थी। इससे पहले फरवरी में 67, दिसंबर 2016 में 55 और नवंबर 2016 में 41 रुपए की एकमुश्त बढ़ोतरी की गई थी। तब भी कंपनियों ने अंतरराष्ट्रीय बाजार का हवाला दिया था।

200 की उज्ज्वला और 865 का सिलेंडर
गरीब परिवारों को उज्ज्वला योजना के तहत केवल 200 रुपए में गैस कनेक्शन दिया जा रहा है। इन परिवारों को गैस की कीमतों में बढ़ोतरी से सर्वाधिक परेशानी हो रही है। 200 रुपए में कनेक्शन लेकर हितग्राहियों को 4 गुना से ज्यादा कीमत 865 पर सिलेंडर रिफिलिंग कराना पड़ रहा।

सब्सिडी छोडऩा बना घाटे का सौदा
गरीब परिवारों को राहत दिलाने के नाम पर सामान्य हितग्राहियों से सब्सिडी सरेंडर कराया गया है। सब्सिडी छोडऩे वाले ऐसे उपभोक्ताओं को कीमतों में बढ़ोतरी से दोहरा नुकसान उठाना पड़ रहा है। सब्सिडी के साथ48 8 रुपएमें मिलने वाले सिलेंडर के लिए इन उपभोक्ताओं को करीब 2 गुना कीमत अदा करना पड़ रहा है।

सब्सिडी में भी लेटलतीफी की परेशानी
कीमतों में बढ़ोतरी के साथ एलपीजी उपभोक्ताओं को सिलेंडर सप्लाई व सब्सिडी में लेटलतीफी की परेशानी भी झेलनी पड़ रही है। पिछले कुछ दिनों से कुछ एजेंसियों में बुकिंग के बाद छह से सात दिन विलंब से सब्सिडी मिलने की शिकायत है।

कब कितनी हुई बढ़ोतरी
मार्च 2017 में - 8 06 .50 रुपए (8 6 .50 रुपए बढ़ोतरी)
नवंबर 2017 - 8 11 रुपए (4.50 रुपए बढ़ोतरी )
जनवरी 2018 - 8 06 रुपए (5 रुपए की कमी )
जुलाई 2018 - 8 30 रुपए (24 रुपए बढ़ोतरी)
अगस्त 2018 - 8 6 5 रुपए (35 रुपए बढ़ोतरी)

स्थानीय स्तर पर इसका कोई भी संबंध नहीं
सहायक विक्रय अधिकारी भारत गैस के नरेंद्र देव सिंह ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार के अनुरूप गैस की कीमत कंपनियों द्वारा रिवाइज्ड की जाती है। इसी आधार पर दर कम होती है अथवा बढ़ती है। स्थानीय स्तर पर इसका कोई भी संबंध नहीं है।

आगे और भी कीमत बढऩे की संभावना
प्रगति गैस एजेंसी संचालक संजय शर्मा ने बताया कि कंपनियों द्वारा हर माह कीमत रिवाइज की जाती है। जुलाई से लगातार कीमत बढ़ रही है। बाजार के रूख से अभी उपभोक्ताओं को राहत की उम्मीद कम है। आगे और भी कीमत बढऩे की संभावना है।