
Patrika Abhiyaan: छत्तीसगढ़ के भिलाई जिले में इन दिनों सबसे ज्यादा डिजिटल अरेस्ट कर ठग सायबर ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं। इसी कड़ी में श्रीशंकराचार्य कॉलेज भिलाई के एक प्रोफेसर को डिजिटल अरेस्ट करने की कोशिश की गई। जानिए प्रोफेसर के जुबानी कैसे ठग के झांसे में आने से बचे।
श्रीशंकराचार्य कॉलेज के प्रोफेसर ने बताया कि मंगलवार को अनजान व्यक्ति ने कॉल किया। उसने कहा कि टेलिकॉम कम्यूनिकेशन अथॉरिटी का कर्मचारी बोल रहा हूं। आपने कई सिम खरीदी हैं और उन सिम से कई गैरकानूनी गतिविधियां संचालित की जा रही हैं।
इन सिम को बंद कराने के लिए लखनऊ जाना पड़ेगा। लखनऊ के क्राइम ब्रांच में शिकायत करनी होगी। क्राइम ब्रांच का नाम सुनते ही पहले तो वे घबरा गए, फिर उससे उपाय पूछा। उसने सलाह दी कि फोन पर भी शिकायत कर सकते हो। इसके बाद सिम बंद होगी।
ठग ने उन्हें बताया कि फोन पर वाट्सऐप कॉल कर लखनऊ क्राइम ब्रांच से बात करनी होगी और वीडियोकॉल कनेक्ट करने के लिए मोबाइल का बैक कैमरा ओपन करना होगा। फिर प्रोफेसर ने अपने मोबाइल का बैक कैमरा को ओपन किया। ठग ने कहा कि पूरे कैमरे को चारों तरफ घुमाओ।
जब कैमरा घुमाया तो उनके साथ अन्य प्रोफेसर और मिलने वाले लोग थे। उन्हें देखकर ठग ने कहा, कि तुम भीड़ वाली जगह में खड़े हो। बाद में कॉल करेंगे फोन काट दिया। इसके बाद उन्होंने सीसीटीएनएस में संपर्क कर पूरी बात बताई, जिसके बाद वहां के अधिकारी ने उन्हें बताया कि वे डिजिटल अरेस्ट होने से बच गए।
प्रभारी सीसीटीएनएस डॉ. संकल्प राय ने कहा की श्रीशंकराचार्य कॉलेज के प्रोफेसर डिजिटल अरेस्ट होने से बच गए। दुर्ग पुलिस लगातार साइबर प्रहरी जैसा अभियान चला रही है। प्रोफेसर को भी इसी का लाभ मिला। प्रोफेसर की शिकायत को साइबर क्राइम पोर्टल में दर्ज कराया गया है। पुलिस सीधे बुलाकर शिकायत करती है न कि वीडियो कॉल से। इसलिए सावधान और सतर्क रहने की जरूरत है।
Updated on:
21 Nov 2024 09:04 am
Published on:
21 Nov 2024 09:03 am
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