
#CG Assembly Election 2018 : टिकट वितरण में भूपेश की मनमर्जी नहीं चली, कांग्रेस हाइकमान ने कतरे पर
भिलाई. छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के लिए जारी अंतिम सूची में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल की मनमर्जी नहीं चली। पूर्व में घोषित प्रत्याशी को बदलकर एवं वैशालीनगर से बदरुद्दीन कुरैशी को टिकट देकर कांग्रेस हाइकमान ने उनके पर कतर दिए हैं। बता दें कि दो दिन पहले नामांकन फॉर्म लेने दुर्ग कलेक्टोरेट पहुंचे प्रदेश अध्यक्ष भूपेश ने छत्तीसगढ़ में पार्टी की ओर से घोषित किसी भी प्रत्याशी को बदले नहीं जाने की बात कही थी। उनके इस बयान के ठीक दो दिन बाद कांग्रेस ने दुर्ग संभाग से एक प्रत्याशी को बदल दिया है। वहीं एक सीटिंग एमएलए की जगह उनकी पत्नी को मैदान में उतारा है। इसी तरह सबसे चर्चित और टिकट वितरण में देरी का कारण बने वैशालीनगर सीट से मुस्लिम समाज के बदरुद्दीन कुरैशी को प्रत्याशी घोषित किया है। जहां से भूपेश दुर्ग जिला अध्यक्ष तुलसी साहू को प्रत्याशी बनाए जाने की जिद पर अड़े हुए थे। उनकी पंसद और संगठन की ओर से अलग नामों के कारण अंतिम सूची की घोषणा में भी देरी हुई है।
कांग्रेस हाइकमान ने दुर्ग संभाग के दो प्रत्याशियों को बदल दिया है
कांग्रेस से प्रत्याशी चयन और घोषणा के बाद न सिर्फ दावेदारों और टिकट से वंचित कार्यकर्ताओं में बगावत के स्वर उभरे हैं बल्कि पार्टी के भीतर भी घमासान की स्थिति है। कांग्रेस की ओर से छत्तीसगढ़ के 90 सीटों के लिए दूसरी सूची जारी होने तक टिकट से वंचित कार्यकर्ताओं ने बगावती तेवर अपना लिए थे। पार्टी की ओर से घोषित प्रत्याशियों के नामों का विरोध करते हुए खुलाघात करते हुए बहुत से कार्यकर्ताओं ने बतौर निर्दलीय चुनाव लडऩे का ऐलान कर दिया था। वहीं अधिकतर नाराज कार्यकर्ताओं ने बतौर निर्दलीय नामांकन फॉर्म लेकर पार्टी के लिए चुनौती खड़ी कर दी है। कार्यकर्ताओं की नाराजगी और प्रत्याशी बदलने की मांग के बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने दुर्ग में नामांकन फॉर्म लेने के दौरान पार्टी की ओर से घोषित किसी भी प्रत्याशी को बदले नहीं जाने का संकेत दिया था। प्रदेश अध्यक्ष के उस बयान के बाद ऐसे कार्यकर्ताओं को जो टिकट कटने के बाद प्रत्याशी बदलने का सपना संजोए थे उन्हें निराशा हाथ लगी थी। वहीं प्रदेश अध्यक्ष के उक्त बयान के दो दिन बाद कांग्रेस हाइकमान ने दुर्ग संभाग के दो प्रत्याशियों को बदल दिया है। इनमें दुर्ग ग्रामीण से प्रतिमा चंद्राकर को बदलकर उनके स्थान पर सांसद ताम्रध्वज साहू को नया प्रत्याशी बनाया है। इसी तरह संजारी बालोद के सीटिंग एमएलए भैया राम सिन्हा की टिकट काटकर उनकी पत्नी संगीता सिन्हा को पार्टी ने प्रत्याशी बनाया है।
कांग्रेस प्रदेश प्रभारी और अध्यक्ष में भी जमकर विवाद
टिकट वितरण को लेकर प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल और प्रदेश प्रभारी पीएल पूनिया में भी आपसी विवाद की खबर भी चर्चा में है। जानकारी के मुताबिक दोनों के बीच सबसे ज्यादा विवाद वैशालीनगर, दुर्ग ग्रामीण और रायपुर उत्तर की सीट को लेकर था। बताया जाता है कि भूपेश वैशाली नगर से दुर्ग जिला अध्यक्ष तुलसी साहू और रायपुर उत्तर से कुलदीप जुनेजा को टिकट देना चाहते थे वहीं प्रभारी पूनिया दोनों जगह बीडी कुरैशी और अजित कुकरेजा को टिकट देना चाह रहे थे। इसी के चलते दोनों में विवाद की स्थिति निर्मित हो गई थी। बताया तो यहां तक जाता है कि भूपेश ने तैश मेें आकर इस्तीफे तक की धमकी दे डाली थी। बाद में मामला किसी तरह शांत हुआ।
राजनीतिक गुरू की बेटी की टिकट भी नहीं बचा पाए
कांग्रेस की ओर से छत्तीसगढ़ में प्रत्याशियों की अंतिम सूची में भूपेश के पंसद के प्रत्याशी को बदलकर उ्रके एकाधिकार पर नकेल कस दिया है। कांग्रेस के ताजा से निर्णय से तो यही संदेश जाता है।
बता दें कि दुर्ग ग्रामीण की प्रत्याशी प्रतिमा चंद्राकर भूपेश के राजनीतिक गुरू स्व. वासुदेव चंद्राकर की बेटी है। वे अपने राजनीतिक गुरू की बेटी का टिकट भी सुरक्षित नहीं कर पाए।
जातिय समीकरण की भेंट चढ़ गई दुर्ग ग्रामीण की टिकट
दुर्ग ग्रामीण से घोषित प्रत्याशी प्रतिमा को बदलकर उनके स्थान पर साहू समाज के ताम्रध्वज को नया प्रत्याशी बनाया गया है। उन्हें साहू समाज की नाराजगी को देखते हुए मैदान में उतारा गया है। बता दें कि कांग्रेस की ओर से दुर्ग संभाग में साहू समाज के किसी भी व्यक्ति को टिकट नहीं दिए जाने पर समाज ने न सिर्फ नाराजगी जाहिर की थी बल्कि सांसद ताम्रध्वज साहू के घर के सामने नारेबाजी कर चुनाव में परिणाम भुगतने तक की चेतावनी दे डाली थी। यहीं नहीं प्रदेश अध्यक्ष के घर जाकर भी समाज की नाराजगी से अवगत कराया था।
Published on:
01 Nov 2018 06:59 pm
