
भिलाई. छत्तीसगढ़ राज्य खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने भिलाई इस्पात संयंत्र के पंडित जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय एवं अनुसंधान केंद्र सेक्टर-9 में संचालित ब्लड बैंक का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से 120 दिन (चार माह) के लिए निलंबित कर दिया है। ऐसे में अस्पताल में रोज होने वाले विभिन्न ऑपरेशन व अन्य जांच व इलाज सुविधा पर अब संकट मंडराने लगा है।
हालांकि संयंत्र प्रबंधन ने अभी नोटिस मिलने से इनकार करते हुए इलाज व्यवस्था पूर्ववत जारी रहने का दावा किया है। भारत सरकार के केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन ने मार्च में सेक्टर-9 अस्पताल में संचालित ब्लड बैंक को बंद करने की अनुशंंसा की थी। सीडीएसओ के पत्र के आधार पर छत्तीसगढ़ राज्य खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने सेक्टर-9 अस्पताल प्रबंधन को इस आशय का नोटिस भेजा था।
यहां आने वाले मरीजों के ब्लड जांच संबंधी व्यवस्था करने प्रबंधन को मोहलत दी गई थी। अब छत्तीसगढ़ स्टेट अथॉरिटी ऑफ फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से 28 अप्रैल को नियम 122 (ओ) और अधिनियम 1945 के तहत आदेश जारी किया गया है। जिसमें सेक्टर-9 के ब्लड बैंक लाइसेंस को तत्काल प्रभाव से 120 दिन के लिए निलंबित करने का आदेश दिया गया है।
सीडीएसओ ने इसलिए की कार्रवाई
सालभर के भीतर ब्लड बैंक के डॉक्टरों और तकनीशियनों की दो बड़ी लापरवाही उजागर हुई। बिना जांचे-परखे एचआईवी संक्रमित खून चढ़ा देने के कारण इस समय दो मासूम जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। पहले थैलीसीमिया पीडि़त आठ साल के बच्चे को संक्रमित खून चढ़ा दिया था। मामले की जांच चल ही रही थी कि अभी कुछ महीने पहले एक नवजात को भी इसी तरह का खून चढ़ाने का मामला सामने आया। पीडि़त पिता ने शिकायत केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को पत्र लिखा। तब उन्होंने जांच के निर्देश दिए।
टीम ने पकड़ी कई गंभीर खामियां
मुंबई से आई सीडीएसओ की चार सदस्यीय टीम ने ११ से 13 मार्च तक तीन दिन यहां 22 बिंदुओं पर सेक्टर -9 के ब्लड बैंक की पूरी व्यवस्था की जांच की, जिसमें कई गंभीर खामियां पाई । टीम को डॉक्टरों के ब्लड जांच करने के तरीके, जांच रजिस्टर में रिपोर्ट इंट्री व हस्ताक्षर में गड़बड़ी मिली। कई रिपोर्ट में छेड़छाड़ जैसी भी गंभीर खामियां मिली। सीडीएसओ ने ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट एंड रूल के तहत सेक्टर ९ अस्पताल के ब्लड बैंक का लाइसेंस निरस्त करने की अनुशंसा करते हुए कार्रवाई के लिए एफडीए को लिखा।
सबसे बड़ा सवाल यह है
1. अब मरीजों का क्या होगा
सेक्टर-9 हॉस्पिटल का ब्लड बैंक अगर बंद हो जाता है तो यहां इलाज कराने आने वाले मरीजों का क्या होगा? यहां 4600 मरीज रोजाना ओपीडी में इलाज कराने आते हैं। 270 मरीज रोज केजुअल्टी में पहुंचते हैं। 160 मरीज रोज भर्ती होते हैं यहां इलाज कराने के लिए।
2. संयंत्र में गंभीर केजुअल्टी हो गई तो...
इस्पात उद्योग एक जोखिम वाली इकाइयों में आता है। बीएसपी में हॉट मेटल से लेकर सभी प्रकार के खतरे और उनसे होने वाली दुर्घटनाओं की अशंका हमेशा बनी रहती है। सेक्टर-9 हॉस्पिटल में ब्लड बैंक बंद होने से आपातकालीन स्थिति में कर्मियों को जान का खतरा बना रहेगा।
3. बिना ब्लड जांच के अब कैसे होगी सर्जरी
सेक्टर-9 हॉस्पिटल में प्रसव , बर्न सर्जरी, हड्डी रोग, उदर रोग, ट्रामा केस सहित महीनेभर में करीब 700 बड़े-छोटे ऑपरेशन होते हैं। इसमें ब्लड चढ़ाने की जरूरत होती है। बिना ब्लड बैंक यह सब ऑपरेशन मुमकिन नहीं होगा। या फिर अनावश्यक देरी होगी।
Published on:
05 May 2018 11:52 am
बड़ी खबरें
View Allभिलाई
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
