
BHILAI
भिलाई . भिलाई इस्पात संयंत्र के शुरूआत करीब 40 वर्षों से अधिक समय तक इंटक श्रम संगठन के रूप में एक छत्र रूप से कार्यरत रही है। इंटक की कार्यशैली से संयंत्र का कर्मचारी परिचित है। खासकर नगर प्रशासन विभाग, अस्पताल, सीपीएफ, शिक्षा विभाग से लेकर साधारण कर्मियों के अवकाश तक इंटक के नेताओं की संलिप्तता से प्रत्येक कर्मी भली भांति परिचित है। वर्तमान में इंटक के जो पदाधिकारी सीटू से 4 वर्षों के कार्यकाल का हिसाब मांग रहे हैं, उन्हें सबसे पहले अपने गिरेबान में झांक लेना चाहिए।
इंटक पर हो रहे हमले का किया विरोध
सीटू के कार्यकारी अध्यक्ष पूरन वर्मा ने इंटक के आरोपों का जवाब देते हुए यह कहा। उन्होंने कहा कि सीटू अपने दायित्वों को भली-भांति जानता व पहचानता है। इसलिए श्रमिक वर्ग की एकता में अपने विरोधियों के सिद्धांत का भी सदैव सम्मान करता है। पिछले कुछ दिनों से बीएसपी की मान्यता चुनाव की हलचल के चलते इंटक के स्थानीय संयंत्र की इकाई पदाधिकारियों की बयानबाजी हास्यास्पद व औचित्यहीन है। वर्तमान में राष्ट्रीय स्तर पर इंटक के अस्तित्व पर ही प्रश्न चिन्ह लगाने का राजनीतिक प्रयास किया जा रहा है। सीटू एक राष्ट्रीय श्रम संगठन होने की हैसियत से इंटक के अस्तित्व पर हो रहे हमलों का सदैव विरोध करता रहा है।
सुविधाओं को शुरू करने की जा रही जुमलेबाजी
वेतन समझौता में एनजेसीएस कमेटी के सबसे पुराने सदस्य इंटक के स्थानीय नेताओं के ज्ञान का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है, की एनजेसीएस में सबसे अहम भूमिका में रहने के उपरांत भी, कंपनी ने बंद किए गए सुविधाओं पर अपना स्पष्टीकरण देने के बजाय, कर्मियों के बीच जाकर बंद सुविधाओं को शुरू करने की जुमलेबाजी कर रहे हैं
अपनी कमजोरियों से बचने दूसरे की साख पर उठा रहे सवाल
भिलाई में इंटक अपनी कमजोरियों व नाकामियों से बचने के लिए सीटू की साख पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करना चाहती है, जिससे इंटक अपने संगठनात्मक नाकामियों को छुपा सके। वहीं बीएसपी कर्मी इस बात को बेहतर समझते हंै कि सीटू कर्मचारियों के हित में खड़ा होने वाला एक मजबूत जनवादी संगठन है व इसके सिद्धांत केवल चुनाव की राजनीति तक नहीं बल्कि श्रमिक सहयोग व एकता बनाए रखने में है।
सभी को मिले सम्मानजनक पदनाम
बीएसपी में सभी कर्मचारियों के सम्मानजनक पद नाम के लिए सीटू के प्रयासों पर कटाक्ष करने वाले इंटक के महासचिव केवल एक समूह के पदनाम परिवर्तन की बात सोच या समझ पा रहे हैं। इसके ठीक उलट सीटू सदैव संपूर्ण संयंत्र के स्तर पर सम्मानजनक पद नाम की प्रयास करती रही है।
पॉकेट यूनियन कर रही गुमराह
सीटू का यह मानना है कि ग्रेड 1 से 11 तक हर पदनाम सम्मानजनक हो। वर्तमान में इंटक बीएसपी के पॉकेट यूनियन के स्तर की राजनीति पर केंद्रित हो रही है, जो कि दुर्भाग्यजनक है। भिलाई में पॉकेट यूनियनों से किए जा रहे नए साथियों को गुमराह करने वाले बयान या मतदान में अल्प लाभ लेने के प्रयासों का जाने-अनजाने समर्थन करके भिलाई की स्थानीय यूनियन इंटक अपने कार्यों से श्रमिक वर्ग व आंदोलनों को कमजोर कर रही है।
कर्मियों में डाल रहे फूट
बीएसपी में कार्य करने वाले कर्मचारी डिप्लोमा इंजीनियर ग्रेजुएट इंजीनियर एमएससी एलएलएम, एमसीए तक पढ़े लोग हैं, तो सामान्य शिक्षा ग्रहण किए हुए हुए लोग भी हैं। पदनाम बदलने की बात कहीं से भी शुरू हो वह सभी के लिए किया जाना चाहिए, संगठनों ने कर्मचारियों के वोट बैंक को साधने के लिए अलग-अलग शगूफा छोडऩे का प्रयास किए जा रहे हैं। वे कर्मियों में आपसी फूट डालकर किसी भी तरह चुनाव में मत हासिल कर लेना चाहते हैं।
डायरेक्टर पर्सनल को सौंपा पत्र
सीटू प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को डायरेक्टर पर्सनल के नाम आईआर को पत्र सौंपकर मांग किया कि वे अलग-अलग संयंत्रों से सुझाव आमंत्रित कर केंद्रीय स्तर पर एक समिति का गठन कर एस-१ से लेकर एस-11 तक अलग-अलग ग्रेड के लिए अलग-अलग पदनाम तय करे। इस मौके पर प्रतिनिधिमंडल में पूरन वर्मा, वेणुगोपाल एसएसके पनिकर, टी. जोगाराव, हेमंत जगम, अमित बर्मन, रोशन पगार, के सूरज, शेख महमूद मौजूद थे।
पदनाम का समाधान केंद्रीय स्तर पर हो
भिलाई में एक पदनाम व राउरकेला, बोकारो, दुर्गापुर में दूसरा पदनाम हो तो समस्या का स्थाई हल नहीं निकल सकता है, इसीलिए सीटू ने इस बात का पक्षधर रहा है कि सभी संयंत्रों से जुड़े किसी भी मुद्दे का समाधान हमेशा केंद्रीय स्तर पर होना चाहिए।
Published on:
05 Jul 2018 06:51 pm
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