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CG Heat Effect: मौसम ने किसानों को रुलाया, जेठ जैसी झुलसाने वाली गर्मी, मुरझाने लगे टमाटर के पौधे

CG Heat Effect: जेठ जैसी झुलसाने वाली गर्मी और उपर से बिजली की अघोषित कटौती ने टमाटर उत्पादक किसानों को मुसीबत में डाल दिया है। बिजली की कटौती के कारण किसान खेतों की सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं।

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भिलाई

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Love Sonkar

Oct 05, 2024

CG news

CG Heat Effect: मौसम के बदले मिजाज ने टमाटर के सबसे बड़े उत्पादक जिले की खेती का गणित बिगाड़ दिया है। यह समय क्वांर यानी टमाटर की फसल के ग्रोथ का है, लेकिन जेठ जैसी झुलसाने वाली गर्मी और उपर से बिजली की अघोषित कटौती ने टमाटर उत्पादक किसानों को मुसीबत में डाल दिया है। बिजली की कटौती के कारण किसान खेतों की सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं। इससे टमाटर के फूल और फल के ग्रोथ प्रभावित हो रहा है।

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जिले में करीब 25 हजार एकड़ में टमाटर की खेती होती है। खास कर धमधा ब्लाक में ज्यादा लाभ के कारण 70 फीसदी तक किसान टमाटर की खेती करते है। इससे पूरे प्रदेश में सर्वाधिक 1 लाख 90 हजार मिटरिक टन टमाटर की पैदावार यहीं होती है, लेकिन इस बार सीजन की शुरूआत से ही प्रतिकूल मौसम ने किसानों को परेशानी में डाल दिया है।

इस तरह समझें हालात को

धमधा परसुली के किसान राधेश्याम पटेल बताते हैं कि गांव में लगभग सभी किसान टमाटर की खेती करते हैं। यहां करीब 175 एकड़ में टमाटर की खेती है। फसल में फूल के साथ फल भी लग गए हैं। अब फलों के ग्रोथ के लिए अनुकूल समय जरूरी है, लेकिन तेजी गर्मी से पौधे मुरझाने लगे हैं। फूल सूखने के साथ फल भी सूखने लगे हैं। सप्ताहभर से बेतहाशा बिजली की कटौती हो रही है। इससे फसल की सिंचाई नहीं हो पा रहा है।

अटल ज्योति के नाम जारी है बिजली कटौती

धमधा के किसान बताते हैं कि बिजली कटौती की दोहरी मार पड़ रही है। सामान्य कटौती के अलावा अटल ज्योति योजना के नाम पर कई साल से हर दिन शाम को 5 से रात 11 बजे तक कटौती की जा रही है। परसुली के राधेश्याम पटेल ने बताया कि गांव में 24 घंटे से बिजली नहीं है।

बाजार में टमाटर के दाम बढ़े

अभी लोकल बाडिय़ों से आवक शुरू नहीं हुआ है। वहीं दूसरे प्रदेशों से भी टमाटर की आवक कम हो रही है। केवल कर्नाटक से सीमित मात्रा में टमाटर आ रहा है। इसका असर कीमतों पर पड़ रहा है। शुक्रवार को खुले बाजार में अच्छे किस्म के टमाटर 80 से 90 रुपए प्रति किलो के दर से बिके।

तेज गर्मी व बिजली की कटौती

दूसरी ओर जिन किसानों के फसल अतिवृष्टि और बाढ़ से बच गए वे अब पैदावार की स्थिति में पहुंचने लगे है, लेकिन अब तेजी गर्मी फसल को नुकसान पहुंचा रहा है। बोड़ेगांव, सिलीडीह, कन्हारपुरी, पथरिया, डोमा, जाताघर्रा, गाड़ाघाट, दानी कोकड़ी, घसरा, खिलोरा, सुखरीकला के किसानों के मुताबिक टमाटर की फसल को बचाना मुश्किल हो रहा है।

बाढ़ में तबाह हो गई खेती

सीजन की शुरूआत में ही जिले में पखवाड़ेभर के भीतर शिवनाथ नदी में बारिश में दो बार बाढ़ के हालात बन गए। इससे धमधा के नदी के तटीय इलाके के बाड़ियों की टमाटर की खेती पूरी तरह तबाह हो गई। इन किसानों को दोबारा बोनी करना पड़ा है। बोड़ेगांव के किसान रवि प्रकाश बताते हैं कि नदी के किनारे बाढ़ में तबाही के बाद खेतों में नए सिरे से पौधे लगाने पड़े हैं। दोबारा बोनी के बाद भी पौधों को बचाना मुश्किल हो रहा है। बिजली कटौती के कारण सिंचाई भी मुश्किल हो रहा है।