
Monsoon 2024: सावन की शुरुआत से पहले बारिश में बढ़ोतरी होने लगी है। शुक्रवार और शनिवार को हुई झमाझम बारिश से नदी नालों का जलस्तर बढ़ा है। पहले दिन झमाझाम 31.8 मिलीमीटर यानी डेढ़ इंच पानी गिरा। इसके बाद दूसरे दिन यानी शनिवार को दिनभर तेज धूप ने हलाकान किया। इससे उमस में दोगुनी वृद्धि हो गई। वहीं मोंगरा बैराज से 36 हजार क्यूसेक पानी शिवनाथ नदी में छोड़ा गया है।
Monsoon 2024: दिनभर उमस में गुजराने के बाद शाम को एक बार फिर काले बादल छाए और हल्की बूंदाबांदी की शुरुआत हुई जो शाम 6.30 बजे के आसपास तेज बारिश में बदल गई। इस तरह अषाढ़ के आखिरी दो दिनों में बढ़िया बारिश मानसून की सक्रियता की ओर इशारा कर रही है। मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है।
प्रदेश में भारी बारिश का मुख्य क्षेत्र अगले कुछ दिन मध्य छत्तीसगढ़ यानी दुर्ग संभाग रहेगा। 21 से 25 जुलाई तक दुर्ग जिला सहित संभाग के जिलों में जोरदार बारिश की संभावना बन रही है। ( CG Monsoon Update ) ओड़िशा के तट पर बने अमदाब से अब छत्तीसगढ़ की ओर तीन किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से कमजोर होगा। इसके .बाद अगले 12 घंटों में इससे कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। यह स्थिति जिले में बारिश की संभावनाएं बढ़ाएंगी।
जिले में 1 जून से 20 जुलाई तक 206.4 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है। कार्यालय कलेक्टर भू-अभिलेख शाखा से प्राप्त जानकारी के अनुसार 1 जून से अब तक सर्वाधिक वर्षा 370.1 मिमी पाटन तहसील में हुई है। न्यूनतम 130.4 मिमी बोरी तहसील में दर्ज की गई है। इसके अलावा तहसील दुर्ग में 167.8 मिमी, तहसील धमधा में 146.3 मिमी, तहसील भिलाई 3 में 181.4 मिमी और तहसील अहिवारा में 242.2 मिमी वर्षा दर्ज की गई है।
मोंगरा बैराज से शनिवार को सुबह 2000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। फिर इसे धीरे-धीरे बढ़ाकर दोपहर 2 बजे तक 36 हजार क्यूसेक कर दिया गया। हालांकि बाद में इसे 24 हजार क्यूसेक कर दिया गया। मोंगरा से शिवनाथ में छोड़े गए पानी का प्रवाह जिले की सीमा में रविवार सुबह तक पहुंच जाने की संभावना है।
तहसीलदार पीआर सलामे ने बताया कि सिंचाई विभाग द्वारा बैराज से पानी छोड़ने की सूचना मिलने के बाद आरआई, पटवारी, सरपंच , सचिव सभी को अलर्ट रहने कहा गया है। विभाग के मैदानी अमले अलर्ट मोड में रहेंगे। नदी तट के ग्रामों में मुनादी कराकरबहाव वाले क्षेत्रों में लोगों को नहीं जाने व बहाव क्षेत्र से मवेशी आदि को बाहर न निकालने कहा गया है।
तांदुला जल संसाधन ईई एसके पांडेय ने बताया कि कैचमेंट में बारिश से जलाशयों में जलभराव शुरू हुआ है। जिस तरह की स्थिति बन रही है उससे अच्छी बारिश की उम्मीद है। मोंगरा से डिस्चार्ज के कारण महमरा एनिकट के ऊपर 2 से 3 फीट पानी चढ़ सकता। सावधानी बरतें और कोई भी पानी के करीब न जाएं।
इस साल 19 जून को मानसून ने दुर्ग जिले में दस्तक दी। इस लिहाज से अभी तक जिले में मानसून से जितनी बारिश हुई है, उतनी आषाढ़ के आखिरी दो दिनों में हो गई। जिले में सबसे अच्छी बारिश इस बार भी पाटन तहसील में हुई वहीं सबसे कम बारिश धमधा ब्लॉक में हुई।
शनिवार को दुर्ग में 20.2 मिमी वर्षा हुई। तहसील धमधा में 8.8 मिमी, तहसील पाटन में 51.4 मिमी, तहसील बोरी में 15.9 मिमी, भिलाई 3 में 19.0 मिमी और तहसील अहिवारा में 16.5 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। मौसम विभाग ने कहा है कि अब मानसून की सक्रियता बनी रहेगी। जुलाई की विदाई तक जिला सहित प्रदेशभर में झमाझम बारिश के लिए सभी परिस्थितियां अनुकूल बनती दिख रही है।
Updated on:
21 Jul 2024 01:42 pm
Published on:
21 Jul 2024 01:22 pm
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