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Corona Covid-19 : सेवा को बनाया मजाक, वॉलंटियर्स का पास बनाकर शहर में बेवजह घूमकर डाल रहे थे दूसरों की जान जोखिम में

लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों को सहायता पहुंचाने बनाए गए वॉलंटियर्स पास के नाम पर शासन-प्रशासन से धोखे का मामला सामने आया है। अधिकतर युवा जरूरतमंदों को सहायता पहुंचाने के बजाए पास का उपयोग शहर व बाजार इलाके में सैरसपाटे के लिए कर रहे थे।

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कोरोना कोविड-19 : सेवा को बनाया मजाक, वॉलंटियर्स का पास बनाकर शहर में बेवजह घूमकर डाल रहे थे दूसरों की जान जोखिम में

कोरोना कोविड-19 : सेवा को बनाया मजाक, वॉलंटियर्स का पास बनाकर शहर में बेवजह घूमकर डाल रहे थे दूसरों की जान जोखिम में

दुर्ग@Patrika. लॉक डाउन के दौरान जरूरतमंदों को सहायता पहुंचाने बनाए गए वॉलंटियर्स पास के नाम पर शासन-प्रशासन से धोखे का मामला सामने आया है। अधिकतर युवा जरूरतमंदों को सहायता पहुंचाने के बजाए पास का उपयोग शहर व बाजार इलाके में सैरसपाटे के लिए कर रहे थे। इसका खुलासा होने के बाद कमिश्नर इंद्रजीत बर्मन ने सभी वॉलंटियर्स के पास निरस्त कर दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने सभी पास तत्काल निगम कार्यालय में जमा कराने के निर्देश दिए हैं।

निगम प्रशासन द्वारा वार्डवार वॉलंटियर्स की नियुक्ति की गई थी
कोरोना के संक्रमण के खतरे को देखते हुए शहर में लॉक डाउन कर दुकानों और बाजारों को बंद कर लोगों की आवाजाही को प्रतिबंधित किया गया है। ऐसी स्थिति में लोगों तक जरूरतमंदों तक जरूरी सामान पहुंचाने के लिए निगम प्रशासन द्वारा वार्डवार वॉलंटियर्स की नियुक्ति की गई थी। इसके लिए इन वॉलंटियर्स को नगर निगम द्वारा विशेष पास जारी किया गया था। पास जारी करने के साथ वॉलंटियर्स को केवल लोगों के लिए जरूरी सामान लाने-ले-जाने के लिए उपयोग की हिदायत दी गई थी, लेकिन ऐसा नहीं कर युवा पास का उपयोग तफरीह के लिए कर रहे थे।

वॉलंटियर्स के बाद कम नहीं हुई भीड़
निगम प्रशासन द्वारा वॉलंटियर्स की नियुक्ति से बाजार में आने-जाने वालों की भीड़ कम होने की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन वॉलंटियर्स द्वारा जिम्मेदारी से काम नहीं करने के कारण लोगों का बाजार में आना जाना बना रहा। भीड़ कम नहीं होने पर निगम द्वारा पड़ताल की गई तब पास के दुरुपयोग का खुलासा हुआ।

पास दिखाकर बच जाते थे पुलिस से
निगम से पास लेकर अधिकतर वॉलंटियर लोगों तक जरूरतमंद सामान नहीं पहुंचा रहे थे। इसकी जगह वे खुद बाजार व शहर के दूसरे इलाकों में तफरीह में इसका इस्तेमाल कर रहे थे। खास बात यह थी कि चौक-चौराहों में बेवजह घूम रहे लोगों को रोकने के लिए तैनात किए गए पुलिस को भी ये पास दिखाकर चकमा दे जाते थे। जानकारी के मुताबिक पुलिस ने ही वॉलंटियर्स के बेवजह घूमने की जानकारी निगम को दी थी।

बनाए गए थे 250 से ज्यादा पास
निगम प्रशासन द्वारा हर वार्ड में कम से कम 3 वॉलंटियर नियुक्ति का लक्ष्य रखा था। इसी के तहत वार्डों में सक्रिय युवाओं से फोटो व मोबाइल नंबर मंगाकर पास जारी किया गया था। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग वॉलंटियर बनने की इच्छा लेकर निगम कार्यालय पहुंचे थे। इनमें से करीब 250 लोगों को पास जारी किया गया था। अब इन सभी का आईडी निरस्त कर निगम कार्यालय में जमा कराने कहा गया है।

आईडी निरस्त किए गए
इंद्रजीत बर्मन- निगम कमिश्नर दुर्ग ने बताया कि लॉकडाउन को देखते हुए जरूरतमंदों को उनके घरों तक सामान पहुंचाने के लिए वॉलंटियर्स की नियुक्ति की गई थी, लेकिन ऐसा नहीं कर कई लोगों द्वारा इसका इस्तेमाल शहर में घूमने फिरने के लिए किया जा रहा था। इससे संक्रमण के खतरे को देखते हुए आईडी निरस्त किए गए हैं। अब आईडी का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा।

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