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CG News: सरकारी जमीन पर कब्जा हो या फिर तय सीमा से अधिक भवन निर्माण, अब एक इंच भी जगह बढ़ाकर कंस्ट्रक्शन कराया तो नगर निगम को जानकारी तुरंत पहुंच जाएगी। यह शिकायत पहुंचाने वाला कोई व्यक्ति नहीं होगा, बल्कि नए जमाने की एआई टेक्नोलॉजी इसमें मददगार होगी। रूंगटा आर-1 इंजीनियरिंग कॉलेज में चल रहे स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन के पहले दिन बुधवार को टेक्नोक्रेट्स ने खास टेक्नोलॉजी का डेमो दिया, जो टीयर-3 सिटी भिलाई के साथ-साथ देश के महानगरों तक के इंफ्रास्ट्रक्चर की डिजिटल कुंडली तैयार कर सकती है।
नगर निगमों और महानगर पालिका के सिटी इंफ्रा डाटा को एनालाइज करते हुए यह सिस्टम बता सकता है कि, जिसे व्यक्ति या फर्म को भवन निर्माण के लिए किस अनुमात में अनुमति दी गई थी और निर्माण के बाद उसने तय सीमा में कंस्ट्रक्शन कराया है या फिर अतिक्रमण किया। यह सिस्टम ड्रोन टेक्नोलॉजी पर आधारित है। जिसमें ड्रोन शहर की डिजिटल मैपिंग करने के साथ-साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए निगमों द्वारा दी गई अनुमतियों का मिलान करता है।
यह पूरा सिस्टम सेटेलाइट इमेजिंग के जरिए काम करता है। कहीं हुए निर्माण कार्य को डिटेक्ट करने के बाद ड्रोन को सेटेलाइट के साथ शेड्यूल किया जाता है। यह पता लगाना आसान हो जाता है कि कहां रीसेंट निर्माण कराया गया है।
रूंगटा आर-1 में हो रहे इस नेशनल लेवल हैकाथॉन का उद्घाटन बुधवार को केंद्रीय मंत्री धमेंद्र प्रधान ने वर्चुअल तरीके से किया। इस दौरान उन्होंने सभी टीमों से उनके इनोवेशन पर बातचीत की। कहा कि, हैकथॉन सिर्फ तकनीक और इनोवेशन को जोड़ने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह युवाओं को स्टार्टअप से जोड़ने का मौका भी देगा। छात्रों को ऐसे इनोवेशन करने को कहा जिससे समाज को नई दिशा में मिल सके। यह हैकाथॉन देशभर के चुनिंदा 51 केंद्रों में हो रहा है। जिसमें भिलाई का रूंगटा आर-1 इंजीनियरिंग कॉलेज भी एक है। स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन का यह 7 वां एडिशन है, जिसमें एसआईएच 54 मंत्रालयों, विभागों, राज्य सरकारों, पीएसयू और उद्योगों द्वारा 250 से अधिक प्रॉब्लम स्टेटमेंट दिए गए हैं।
इस कार्यक्रम में मौजूद टीमों से वर्चुअल संवाद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीमों को बड़ी सीख दी। उन्होंने कहा कि, मौजूदा दौर में साइबर क्राइम बड़ी चुनौती है। ठगी करने वाले काफी इनोवेटिव हैं। ऐसे में हमारे टेक्नोक्रेट्स को उनसे आगे की सोच रखनी होगी। अभी हम टेक्नोलॉजी के जरिए उनकी ठगी का तोड़ निकालते हैं लेकिन वे अगले कुछ घंटों में ही उस ट्रीक को समझकर अपना पैटर्न बदल देते हैं। ऐसे में उनके इस जाल से निपटने का एक ही रास्ता है, खुद को अपडेट रखना। टेक्नोक्रेट्स ऐसे टूल्स डेवलप करें जो कुछ घंटों में ही उनकी मूवमेंट को समझकर एक्शन प्लान तैयार कर लें ताकि देश को साइबर अपराधियों के जाल से सुरक्षित रखा जा सके।
इस स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन का समापन गुरुवार को होगा। हैकाथॉन में आई सभी 25 टीमों का मूल्यांकन करने के लिए देश की नामी सॉटवेयर कंपनियों के बेहद अनुभवी डेवलपर्स भिलाई पहुंचे हुए हैं। इस हैकाथॉन में रूंगटा आर-1 इंजीनियरिंग कॉलेज को भारत सरकार की एजुकेशन मिनिस्ट्री ने नोडल सेंटर बनाया है। साथ ही हैकाथॉन के सॉटवेयर एडिशन की मेजबानी करने की जिमेदारी सौंपी है।
Published on:
12 Dec 2024 01:06 pm
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