CG School Bus: स्कूली बसों की जांच के द्वितीय चरण में जिले के छह शैक्षणिक संस्थानों की 81 स्कूल बसों की जांच की गई। 15 बसों में खामियां पाई गईं। जिनमें वाइपर, ड्राइवर का लाइसेंस, शीशे खराब मिले। इन पर मोटर वीकल एक्ट के तरह कार्रवाई कर 8 हजार रुपए समन शुल्क वसूला गया। साथ ही संबंधित बसों को सुधारकर ही परिवहन करने के निर्देश दिए गए।
स्कूली छात्र-छात्राओं के सुरक्षित परिवहन को सुनिश्चित करने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के तहत यातायात पुलिस और परिवहन विभाग द्वारा संयुक्त रूप से कार्रवाई की जा रही है। स्कूल बस जांच शिविर की प्रक्रिया में सबसे पहले बसों का रजिस्ट्रेशन किया गया, फिर दस्तावेजों की जांच की गई। इसमें रजिस्ट्रेशन, परमिट, फिटनेस, बीमा, पीयूसी, रोड टैक्स, चालक का लाइसेंस आदि शामिल थे।
इसके बाद मैकेनिकल जांच की गई जिसमें लाइट, ब्रेक, क्लच, स्टेयरिंग, टायर, हॉर्न, वाइपर और रिफ्लेक्टर आदि का निरीक्षण किया गया। सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित मानकों जैसे सीसीटीवी कैमरा, स्पीड गवर्नर, इमरजेंसी विंडो, स्कूल का नाम व फोन नंबर, फर्स्ट एड बॉक्स, अग्निशमन यंत्र, आदि की भी गहन जांच की गई।
40 चालकों की आंखें कमजोर
आरटीओ स्टालिन लकड़ा ने बताया कि शिविर में चालक और परिचालकों की आंखों की जांच की गई, जिसमें 40 चालकों को आंखों से संबंधित शिकायतें पाई गईं और उन्हें चश्मा पहनने व नंबर बदलवाने की सलाह दी गई। जिन बसों की जांच शिविर में नहीं हो सकी, उनके खिलाफ औचक निरीक्षण कर कार्रवाई की जाएगी।
दो दिवसीय शिविर में 22 शैक्षणिक संस्थानों की 248 स्कूल बसों की जांच की गई, जिसमें से 23 बसों में खामियां पाई गईं। अब तक 17 हजार रुपए का समन शुल्क वसूला गया।
-ऋचा मिश्रा, एएसपी ट्रैफिक
Published on:
16 Jun 2025 12:34 pm