
Bhilai News: दो नवजात शिशुओं के अदला-बदली का मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। जिला अस्पताल में जन्मे बच्चे एक-दूसरे की मां के पास पहुंच गए हैं। अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के कारण दो परिवार मुश्किल में पड़ गए हैं। इधर शबाना (पति अल्ताफ कुरैशी) अपने बच्चे को पाने के लिए परिवार के साथ अस्पताल के चार दिनों से चक्कर काट रही है। ये मामला 96 घंटे बाद भी सुलझ नहीं पाया है। शबाना का परिवार (पति, चाचा, भाई) अपने बच्चे को पाने के लिए हर दिन सुबह 9 से रात 10 बजे तक अस्पताल व सीएस ऑफिस में जद्दोजहद कर रहा है।
परिवार का रो-रोककर बुरा हाल है। वहीं घर में बच्चे के रोने से भी उन्हें डर लगने लगा है कि आखिर ये क्यो रो रहा है। कहीं बच्चे को कुछ न हो जाए, नहीं तो बाद में जवाबदारी किसकी होगी? जेठ अजहर का कहना है कि सुबह से रात तक बस बच्चे की चिंता में रहते हैं। हमारा, सोना खाना-पीना सब मुश्किल में पड़ गया है। बच्चे का ख्याल तो रख रहे हैं पर डर है कि ये साधना का बच्चा है, कहीं कुछ ऊपर-नीचे हो गया तो? वहीं मंगलवार शाम को 5 बजे शबाना बच्चे को लेकर अपने परिवार के करीब 50 सदस्यों के साथ अस्पताल पहुंची। भाई आमिर का कहना है कि मां और बेटे को अस्पताल की सुरक्षा में छोड़ दिए हैं।
अस्पताल का कहना है कि पुलिस की सुरक्षा में छोड़े। इसमें भी मामला उलझ गया। दरअसल 23 जनवरी को शबाना और साधना सिंह (पति शैलेंद्र सिंह) की डिलवरी हुई। दोनों को लड़का हुआ। बच्चा सौंपने के दौरान साधना का बच्चा शबाना के घर और शबाना का बच्चा साधना के घर जा पहुंचा। इसकी जानकारी इन्हें एक हफ्ते बाद जब टाका खुलवाने पहुंची, तब हुई।
इस मामले को चार दिन हो चुके हैं। शबाना के परिवार का कहना है कि अबतक किसी के ऊपर कार्रवाई नहीं की गई है। डीएनए टेस्ट के भी अबतक आदेश नहीं हुए हैं। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि सिटी कोतवाली थाने में टेस्ट के लिए लिखित शिकायत दें। थाना वाले कहते हैं प्रबंधन देगा। शबाना के पक्ष का कहना है कि इनके पास सब डिटेल है, डिलीवरी के बाद फोटो, हाथ में लगे टैग, पैर के चिन्ह।
सब साबित हो गया है कि अस्पताल की गलती है फिर भी किसी के ऊपर कुछ कार्रवाई नहीं की गई। मामला सुलझता न देख अब शबाना के परिवार ने ट्वीटर के माध्यम से पीएमओ, सीएमओ समेत मंत्रियों को सूचना देंगे।
सीएस डॉ. हेमंत कुमार साहू ने बताया कि दोनों परिवार को बैठाकर समझाने की कोशिश की गई। पर साधना का परिवार मानने को तैयार नहीं है। सोमवार को साधना के घर भी समझाने के लिए गए थे।
पर उनका कहना है कि ये उनका बच्चा है। डीएनए टेस्ट की बात की तो सही जवाब नहीं दे पा रहे थे। हालांकि लास्ट में उन्होंने ये भी कहा कि की करा लेते है, पर जिला अस्पताल में नहीं कराऊंगी, यहां भरोसा नहीं है।
Updated on:
05 Feb 2025 12:22 pm
Published on:
05 Feb 2025 12:17 pm
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